दीपोत्सव पर जगमग होंगे अयोध्या के 8 प्राचीन कुंड:बनाई जा रही आकर्षक पेंटिंग

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(www.arya-tv.com)  अयोध्या में 21 अक्टूबर को होने पर छठे दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए नगर निगम पूरी ताकत से जुट गया हैl इस अवसर पर राम की पैड़ी के साथ अयोध्या के 8 प्राचीन कुंड जगमग होंगेl इसके लिए इनके कायाकल्प का काम अंतिम दौर में हैंl

सीएम योगी के निर्देश पर श्रीराम नगरी में प्राचीन कुंड क्षीर सागर,अग्नि कुंड, ब्रह्मा कुंड,सीता कुंड सहित 8 प्राचीन कुंड को नया जीवन दिया जा रहा हैl लेक मैन ऑफ इंडिया के नाम से विख्यात आनंद मल्लिगवद को इसकी जिम्मेदारी मिलने के बाद यह प्रयास निखर कर सामने आने लगा हैl

पहले फेज में 8 कुंडों का हो रहा जीर्णोद्धार
ये सभी कुंड सनातन धर्म और संस्कृति की धरोहर हैं, जिनका उल्लेख वेद, पुराण और उपनिषद में बताया जाता है।अयोध्या विकास प्राधिकरण ने 108 कुंडों के जीर्णोद्धार का प्रपोजल शासन को दिया था, जिसे प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने मंजूरी दी थी। प्राधिकरण ने पहले फेज में 8 कुंड के कायाकल्प की योजना तैयार की है, जिसका कार्य प्रगति पर है।

5.72 करोड की लागत से हो रहा कायाकल्प
जिन कुंड को सवारा जा रहा है उनमें लाल डिग्गी, विद्या कुंड, दशरथ कुंड, ब्रह्मा कुंड, सीता कुंड, अग्नि कुंड, क्षीर सागर कुंड, खर्जुहा कुंड है। प्राचीन 8 कुंड के जीर्णोद्धार का काम नवंबर 2021 से शुरू किया गया था और इसे नवंबर 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। साथ ही दीवारों पर आर्ट बनाने का काम भी नवंबर 2021 से शुरू हुआ था, जिसे इसी महीने पूरा करने का लक्ष्य है। इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 5.72 करोड रुपए है।

लेक मैन आनंद मल्लिगवद कुंड का कर रहे कायाकल्प
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि हर कुंड के अनुरूप उनकी दीवारों पर छायाकृतियां बनायी जा रही हैं। अयोध्या में बहुत सारे ऐसे तीर्थ स्थल हैं, जिनका जीर्णोद्धार किया जाना है, इसके साथ ही उन जगहों की पवित्रता और प्राचीनता का भी ध्यान रखना है। इसी को देखते हुए हमने लेक मैन के नाम से मशहूर आनंद मल्लिगवद को अपने साथ जोड़ा है। आनंद बेंगलुरु में दो दर्जन से ज्यादा प्राचीन तालाबों और झीलों को प्राकृतिक तकनीक से पुर्नजीवन दे चुके हैं। वह बहुत कम लागत में विशेषज्ञ और तकनीक की मदद से इस काम को अंजाम देते हैं।

नेचुरल तरीके से नया जीवन देंगे लेकमैन आनंद मल्लिगवद
लेक मैन आनंद मल्लिगविद कहते हैं कि अयोध्या में कुंडों को बचाना, वो भी किसी तरह की छेड़छाड़ किए बिना, अपने आप में काफी चुनौतीपूर्ण काम हैं। पानी का इकोसिस्टम बनाए रखना एक चुनौती है। सीवेज ट्रीटमेंट, रेनवाटर और पानी में मौजूद माइक्रोआर्गेनिज्म के जरिए संरक्षण का काम किया जाता है। वहां के पेड़-पौधों और प्राकृतिक वनस्पतियों को भी वैज्ञानिक और नेचुरल तरीके से नया जीवन दिया जाता है।