(www.arya-tv.com) लखनऊ के होटल में आग लगने की घटना के बाद गोरखपुर में भी नक्शे के विपरीत हुए निर्माणों की तलाश तेज हो गई है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) के प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह के नेतृत्व में प्राधिकरण की टीम ने शुक्रवार को कई होटल, कांप्लेक्स, कोचिंग संस्थान और अस्पतालों की जांच की।
नक्शा और फाॅयर NOC होनी जरूरी
इस दौरान टीम ने 20 लोगों को नोटिस देकर तीन दिन में स्वीकृत नक्शे की प्रति और अग्निशमन की अनापत्ति मांगी गई है। प्रपत्र प्रस्तुत न करने पर इन भवनों पर सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी।
गोरखपुर के DM कृष्णा करुणेश ने GDA VC प्रेम रंजन सिंह को पत्र लिखकर सभी होटल, माल, कांप्लेक्स अस्पताल आदि की वैधता एवं सुरक्षा के मानकों की जांच कराने को कहा था।
चीफ इंजीनियर को मिली जिम्मेदारी
GDA VC ने प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह के नेतृत्व में सभी अभियंताओं को यह जिम्मेदारी दी है। 10 दिन में रिपोर्ट उपाध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत करनी होगी। इसके साथ ही प्रमुख सचिव आवास ने गुरूवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मानचित्र के विपरीत किए गए निर्माण का पता लगाकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
इन होटलों की हुई जांच
शुक्रवार को GDA की टीम ने गोलघर गांधी गली और खोवा मंडी गली में सघन जांच की। टीम ने होटल प्रेसीडेंट, मरीना, अरिहंत कोचिंग सेंटर, गर्ग अस्पताल, न्यू उदय मेडिकल सेंटर, चंद्रा कोचिंग, महालक्ष्मी होटल, द किंग प्लाजा, होटल आरडीसी और नरायण टावर आदि की जांच की और सभी से मानचित्र और अग्निशमन की NOC मांगी।
कार्रवाई होनी तय
प्रभारी मुख्य अभियंता ने बताया कि जांच का क्रम लगातार जारी रहेगा। जिनके पास प्रपत्र नहीं होंगे, उनपर कार्रवाई की जाएगी। जांच करने वाली टीम में सहायक अभियंता अजीत कुमार, अवर अभियंता पद्माकर मिश्रा, सुपरवाइजर उमेश सिंह और शमशाद आदि शामिल रहे।
2 हजार से अधिक निर्माण पर हो सकती है कार्रवाई
प्रमुख सचिव आवास के निर्देश के बाद महानगर में करीब दो हजार से अधिक निर्माणों पर सीलिंग की कार्रवाई हो सकती है। जिनके मानचित्र सशर्त पास किए गए हैं, उनके निर्माण स्थल पर जाकर जांच करने को कहा गया है। शर्तों का पालन न करने पर मानचित्र निरस्त कर दिया जाएगा और निर्माण रोकना होगा। इसी तरह जांच के दौरान जिसके पास मानचित्र नहीं मिलेगा, उसका निर्माण भी सील कर दिया जाएगा।