- अभाविप ने लखनऊ को दी पहली महिला महानगर मंत्री
निर्वाचन अधिकारी प्रो०जे.पी सिंह ने अभाविप में अपने अनुभव और कार्यपद्धति को युवाओं के साथ साझा करते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद वर्ष भर का मुख्य उद्देश्य छात्र शक्ति से राष्ट्र निर्माण करना है,जिसमें छात्रों में देशभक्ति, सामाजिक चेतना और नेतृत्व क्षमता विकसित करना शामिल है,और यह शिक्षा में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ-साथ छात्र व राष्ट्र हित के मुद्दों पर काम करता है, जो “ज्ञान, शील, एकता” के आदर्श पर आधारित है। यह एक स्वतंत्र छात्र संगठन है जो किसी राजनीतिक दल से जुड़ा नहीं है और राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए काम करता है।
प्रांत अध्यक्ष डॉ० नीतू सिंह ने कहा कि माता की सेवा करेंगे’ इस संकल्प के साथ अभाविप की स्थापना हुई। विद्यार्थी केवल अपनी शिक्षा व करियर तक सीमित न रहे, अपितु अपने देश की समृद्धि के संदर्भ में सतत रहकर अपना योगदान दें — इस विचार को लेकर परिषद ने पिछले सात दशकों में भौगोलिक विस्तार करने के साथ-साथ शिक्षा क्षेत्र की सभी शाखाओं के छात्र में कार्य बढ़ाने के साथ ही सामाजिक सहभाग का भी समान रूप से ध्यान रखा और विद्यार्थियों की बदलती अभिरुचि के अनुसार नए आयाम व कार्यक्रमों की योजना करते हुए अपनी मूल वैचारिक प्रतिबद्धता का आभास भी बनाए रखा अभाविप कोई साधारण संगठन नहीं, अपितु एक राष्ट्र चेतना का आंदोलन है। यह एक विचार है, जो हमे सिखाता है कि विद्यार्थी होना केवल किताबों तक सीमित रहने का नाम नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का संकल्प है। महानगर मंत्री शाश्वत सांस्कृत ने मंत्री प्रतिवेदन में अपने कार्यकाल में हुई अभाविप की वर्ष भर गतिविधियों को युवाओं के साथ साझा किया। अध्यक्ष प्रो०भुनेश्वरी भारद्वाज ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ महानगर कार्यक्रणीय 2024-25 के भंग करने की घोषणा की।
नव निर्वाचित महानगर अध्यक्ष डॉ०अशोक मोरल ने सभी के प्रति आभार ज्ञापन करते हुए कहा कि अभाविप के मूल मंत्री ज्ञान शील एकता के मंत्र को एक साथ उच्चारित करने हम संकल्पित हो यही कामना करता हूं,हम अपने मूल कर्तव्यों के प्रति नितांत प्रयासरत रहे ऐसी कामना और अपेक्षा दोनों करता हूं। नव निर्वाचित महानगर मंत्री सरिता पाण्डेय ने कहा कि हमारी सबसे महत्वपूर्ण बात है और हमारा विश्वास है कि राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का लक्ष्य अकेले से नहीं होगा। ना कोई चंद मुट्ठी भर इंटेलेक्चुअल्स, थिंकटैंक्स, पॉलिसी मेकर्स या समाज का कोई एक विशिष्ट वर्ग, जैसे दुनिया के किसान मजदूर एकत्र हो जाओं और हम सब बदल देंगे।नहीं संभव है, तो राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का लक्ष्य भी कोई भी एक वर्ग नहीं कर पाएगा । भारत के प्रत्येक व्यक्ति के जन सहभागिता से ही यह संभव है ।
हजारों वर्षों की समृद्ध परंपरा, सभ्यता, भारतीय जीवन दर्शन ही हमारे प्रत्येक कृति का प्रेरणास्रोत है। भारतीयत्व, Indianness और भारतीय दर्शन ही हमारी सभी समस्याओं को हल करनें में सक्षम हैं। नवीन अध्यक्ष ने अपने साथ संपूर्ण इकाई की घोषणा जिसमें लखनऊ विश्विद्यालय समाज कार्य विभाग के डॉ०रमेश त्रिपाठी सहित विभिन्न दायित्वों पर घोषणा की । इस कार्यकारिणी गठन में अवध प्रांत की उपाध्यक्ष प्रो०मंजुला उपाध्याय मंत्री पुष्पेंद्र बाजपेई सहित तमाम छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।
