अभिषेक राय
(www.arya-tv.com) तीर्थस्थल प्रयाग में सर्दी की सुबह के घने कोहरे और हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच मकर संक्रांति के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। महाकुंभ के प्रथम अमृत स्नान पर संगम तट पर पूरी दुनिया के भक्तों का अद्भुत समागम देखने को मिला।
मंगलवार को सनातन परंपरा के उद्घोष के साथ अखाड़ों ने दिव्य-भव्य अमृत स्नान का शुभारम्भ किया। भाला, त्रिशूल और तलवारों के साथ अद्भुत कला का प्रदर्शन करते हुए शोभायात्रा के साथ पहुंचे नागा साधु, संतों की दिव्यता और करतब देखते ही बनते थे।
3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया अमृत स्नान
अखाड़ों के आचार्य, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर सज-धज कर रथों से संगम तक पहुंचे। दुनियाभर के संस्कृति प्रेमी इस एक तट पर दुर्लभ घड़ी का साक्षी बनने के लिए ब्रह्ममुहूर्त से ही व्याकुल थे। आस्था का चरम ऐसा कि देर रात तक 3.5 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके थे। अब मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी को दूसरा, जबकि वसंत पंचमी पर तीन फरवरी को तीसरा अमृत स्नान होगा।
मुस्तैद दिखी सुरक्षा-व्यवस्था
हर मार्ग पर बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों की जांच की जाती रही। चप्पे-चप्पे पर पुलिस और अर्ध सैनिक बलों की तैनाती रही। पुलिस टीम ने घोड़े के साथ मेला क्षेत्र में पैदल मार्च किया और अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए रास्ता खाली कराते रहे।