(www.arya-tv.com) यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान नकल पर नकेल कसने के सारे दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। परीक्षा से पहले सोमवार को हाईस्कूल के संस्कृत विषय की हल प्रति वायरल होने लगी। मंगलवार को इसको लेकर दिन भर जिला प्रशासन की टीम परीक्षा केंद्रों पर जांच करती रही। शक के आधार पर मामले में करीब नौ लोगों को नगरा थाने में बैठाया गया है।
पुलिस अभी कुछ भी बताने से परहेज कर रही है। यह मामला चल ही रहा था कि बुधवार शाम की पाली में होने वाली इंटरमीडिएट अंग्रेजी विषय की परीक्षा का प्रश्नपत्र भी मंगलवार रात से ही वायरल होने लगा। प्रशासन की बेचैनी और बढ़ गई। मामले की पुष्टि होने के बाद जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने अंग्रेजी विषय की परीक्षा को निरस्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि संस्कृत वाले प्रकरण में अभी जांच चल रही है। अंग्रेजी के प्रश्न पत्र की जांच की गई। इसके बाद इस विषय की परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है।
हर मोड़ पर चुनौती दे रहे शिक्षा माफिया
परीक्षा में नकल माफिया प्रशासन को हर मोड़ पर चुनौती दे रहे हैं। परीक्षा के पहले दिन 24 मार्च को खेजुरी के एक इंटर कालेज में सामूहिक नकल कराने का मामला प्रकाश आया। बैरिया के जयप्रकाश इंटर कालेज सेवाश्रम में दूसरे के स्थान पर परीक्षा देते दो छात्र पकड़े गए। मंगलवार को हाईस्कूल संस्कृत की परीक्षा से पूर्व हल प्रति बाजारों में बिकने लगी। बुधवार को इंटरमीडिएट अंग्रेजी की परीक्षा से पूर्व यह पेपर भी इंटरनेट मीडिया में वायरल हो गया।
परीक्षा के दौरान तमाम केस व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। पिछले वर्षों की बोर्ड परीक्षा की स्थिति को देखने के बाद भी प्रशासन ने सबक नहीं ली। वर्ष 2020 की बोर्ड परीक्षा के दौरान भी इस तरह का माहौल था। कई प्रमुख विषयों के प्रश्न पत्र परीक्षा से पूर्व ही वायरल हो गए थे। बाद में एसटीएफ ने मोर्चा संभाला, लेकिन नकल माफिया प्रशासन के हर चक्रव्यूह को भेदने में सफल रहे। इस बार की परीक्षा में भी उसी तरह का माहौल बनते दिख रहा है।