नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को बिना किसी शर्त के सोमवार को काउंसलर मिल जाएगा। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी है।
विएना संधि और अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का पालन करते हुए पाकिस्तान ने ने यह फैसला लिया है। हालांकि पाकिस्तान पहले ही काउंसलर देने की बात कह रहा था,लेकिन उसमें कुछ शर्तें लगा दी थीं, जो कि भारत को मंजूर नहीं थीं।
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को साल 2016 में गिरफ्तार किया था, पाकिस्तान आरोप लगाता रहा है कि कुलभूषण जाधव एक जासूस हैं। हालांकि, भारत उसके दावे को नकारता रहा है। साल 2017 में कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की एक अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई थी, लेकिन भारत ने इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में अपील की थी और भारत वहां पर केस जीत भी गया था।
सोमवार दोपहर 12 बजे कुलभूषण जाधव को सिर्फ दो घंटे के लिए ये एक्सेस मिलेगा।
क्या होता है कॉन्सुलेर एक्सेस?
एक देश का नागरिक किसी दूसरे देश की जेल में बंद होता है, तब उसे यह सुविधा मिलती है। कुलभूषण जाधव भारतीय नागरिक हैं। उन्हें पाकिस्तान ने जेल में कैद कर रखा है। अब दोनों सरकारों की सहमति के बाद जो भारतीय राजदूत या अधिकारी कुलभूषण जाधव से मुलाकात कर पाएगा, उसे कॉन्सुलेर एक्सेस कहा जाता है। इसमें अधिकारी कैदी से उसके साथ किस तरह का व्यवहार हो रहा है, आगे की प्रक्रिया आदि के बारे में पूछताछ कर सकता है।
क्या है वियना संधि
वियना संधि के मुताबिक राजनयिकों को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है और न ही उन्हें किसी तरह की हिरासत में रखा जा सकता है। आजाद और संप्रभु देशों के बीच आपसी राजनयिक संबंधों को लेकर सबसे पहले साल 1961 में वियना कन्वेंशन हुआ। इसके तहत एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय समझौते का प्रावधान किया गया जिसमें राजनियकों को विशेष अधिकार दिए गए। इसके आधार पर ही राजनियकों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों का प्रावधान किया गया। इस संधि के तहत कुल 54 आर्टिकल हैं। फरवरी 2017 में इस संधि पर दस्तखत कर 191 देशों ने के पालन के लिए अपनी सहमति जताई थी।