नकली नोटों के आगे बाजार से गायब होते जा रहे हैं 2,000 के असली नोट

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार नोटबंदी के बाद बाजार में दो हजार रुपये के नोट लाई थी। इसका उद्देश्य देश से काले धन को खत्म करना था। आपको बता दें कि पिछले एक साल में भारत में 2,000 रुपये के नोट का चलन तेजी से घटा है। लेकिन 500 के नोटों की संख्या बढ़ी है।
2,000 के नोटों की संख्या घटी
साल 2018-19 में चलन में रहे 2000 रुपये के नोटों की संख्या में 7.2 करोड़ की कमी दर्ज की गई है। पिछले वित्त वर्ष में 2,000 रुपये के नोटों की संख्या 329 करोड़ रह गई।
500 के नोटों की संख्या बढ़ी
वहीं, 500 रुपये के नोट की बात करें, तो इसकी संख्या वित्त वर्ष 2017-18 में 1,546 करोड़ थी, जो 2018-19 में बढ़कर 2,151 करोड़ हुई। एक साल के दौरान 500 रुपये के नोटों की संख्या बढ़ी है।
देश में बढ़े नकली नोट
भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) के डाटा के मुताबिक, देश में नकली नोटों के मामलों में तेज बढ़ोतरी हुई है। वित्त वर्ष 2017-18 के मुकाबले पिछले वित्त वर्ष में नकली नोटों में 121 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2,000 रुपये के नकली नोटों की बात करें, तो यह आंकड़ा 21.9 फीसदी है। 200 रुपये के 12,728 जाली नोट मिले, जबकि पिछले साल सिर्फ 79 ही पकड़े गए थे।

वैल्यू के लिहाज से देखा जाए, तो मार्च 2019 के आखिर तक 500 और 2000 के नोटों की हिस्सेदारी कुल वैल्यू में 82.2 फीसदी थी। आरबीआई के मुताबिक, यह आंकड़ा मार्च 2018 के अंत में 80.2 फीसदी था। इसके अलावा, समान अवधि में क्रमशः 10, 20 और 50 रुपये में पाए गए नकली नोटों में 20.2 फीसदी, 87.2 फीसदी और 57.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। हालांकि 100 के मूल्यवर्ग में पाए गए नकली नोटों में 7.5 फीसदी की गिरावट देखी गई है।