(www.arya-tv.com) वर्ल्ड क्रिकेट ने शुक्रवार को एक नायाब हीरा खो दिया। ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर शेन वॉर्न का निधन हार्ट अटैक से सिर्फ 52 साल की उम्र में हो गया। इस सदी की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया को दुनिया की सबसे शक्तिशाली क्रिकेट टीम बनाने के पीछे जिस एक खिलाड़ी का सबसे बड़ा रोल था वह थे शेन वॉर्न। उनकी लेग स्पिन, गुगली और फ्लिपर का सामना करना अच्छे से अच्छे बल्लेबाजों के लिए भी मुश्किल होता था।
सिर्फ 52 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले वॉर्न क्रिकेट ग्राउंड पर अपने शानदार प्रदर्शन के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। चलिए जानते हैं 15 साल के करियर में उनकी बुलंदी और विवादों के बारे में। इससे पहले, वॉर्न की याद में हम उनकी 10 सबसे शानदार गेंद पेश कर रहे हैं, जिन्हें क्रिकेट प्रेमी कभी नहीं भुला सकते।
4 जून 1993 का दिन। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एशेज सीरीज का एक मैच चल रहा था। इस मैच में शेन वाॉर्न ने एक ऐसी गेंद डाली, जिसे देखकर दुनिया हैरान रह गई। कहा जाता है कि वाॉर्न की ये गेंद 90 डिग्री तक घूमी थी। लिहाजा इसे बॉल ऑफ द सेंचुरी कहा गया।
1999 में वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल और फाइनल में मैन ऑफ द मैच
शेन वॉर्न वनडे क्रिकेट में भी बेहद असरदार गेंदबाज रहे। 1999 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया को चैंपियन बनाने में वॉर्न ने अहम भूमिका निभाई थी। वे इस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया के दो सबसे अहम मैच सेमीफाइनल (विरुद्ध साउथ अफ्रीका) और फाइनल (विरुद्ध पाकिस्तान) में मैन ऑफ द मैच चुने गए थे।
600 और 700 विकेट के माइलस्टोन तक पहुंचने वाले पहले गेंदबाज
शेन वॉर्न टेस्ट क्रिकेट में 600 और 700 विकेट के माइलस्टोन तक पहुंचने वाले दुनिया के पहले गेंदबाज बने थे। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 2005 में ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में 600 विकेट पूरे किए थे। 2006 में इंग्लैंड के ही खिलाफ मेलबर्न में वॉर्न ने 700 विकेट का आंकड़ा भी पार कर लिया। बाद में श्रीलंका के दिग्गज ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने उनका रिकॉर्ड तोड़ा। मुरली ने 800 विकेट लिए। वॉर्न आज भी सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले लेग स्पिनर हैं। 619 विकेट के साथ भारत के अनिल कुंबले दूसरे नंबर पर हैं।
IPL के पहले चैंपियन कप्तान
शेन वॉर्न इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) टाइटल जीतने वाले पहले कप्तान बने थे। 2008 में उन्होंने अपनी कप्तानी में राजस्थान रॉयल्स को खिताब दिलाया