श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के लिए एक भक्त ने 120 किलो सोने का गुप्त दान किया

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(www.arya-tv.com) श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के लिए एक भक्त ने 120 किलो सोने का गुप्त दान किया है। यह भक्त दक्षिण भारत का रहने वाला है। गर्भगृह में सोने के पत्तर लगाए जा चुके हैं। अब बाहर लगाए जा रहे हैं। यानी कुछ ही दिनों में बाबा का पूरा मंदिर स्वर्ण जड़ित होगा। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब काशी विश्वनाथ में पूजा-अर्चन किया तो पहली बार गर्भगृह स्वर्ण जड़ित होने की तस्वीरें सामने आई। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वर्ण मंडित गर्भगृह में पहली बार जलाभिषेक किया। वह खुद भी दीवारों और सीलिंग को देखकर चकित रह गए।

गर्भ गृह में सोने की पत्तर चढ़ाने का काम हो चुका है
मंदिर से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि बाबा को भक्त ने गुप्त दान किया है। ऐसे में किस भक्त ने दान दिया और कब दिया? इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि, यह जरूर कहा जा रहा है कि कई महीने पहले ही भक्त ने दान किया था। लेकिन तब कॉरिडोर निर्माण का काम चल रहा था। ऐसे में गर्भगृह को स्वर्ण जड़ित नहीं कराया गया। कॉरिडोर का काम पूरा होने के बाद ही गर्भ गृह में सोने की पत्तर चढ़ाने का काम हो चुका है। महाशिवरात्रि यानि कल तक दीवारों पर ये सोना के पत्तर लग जाएंगे। इसके बाद बाबा विश्वनाथ की आभा और चमक देखने लायक रहेगी।

2012 में भी स्वर्ण जड़ित करने का प्लान बना था
इससे पहले 2012 में भी मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण जड़ित करने का प्लान तैयार किया गया था। लेकिन तब, IIT-BHU के सिविल इंजीनियरों ने गर्भगृह की दीवारों का परीक्षण किया था। इंजीनियरों का कहना था कि गर्भगृह के दीवारें इतना भार नहीं सहन कर सकतीं। जिसके बाद यह योजना आगे नहीं बढ़ सकीं। वहीं पिछले साल 13 दिसंबर को जब कॉरिडोर का निर्माण पूरा हो गया, तब गर्भगृह की दीवारों को मजबूती मिली। इसके बाद महा शिवरात्रि से पहले पूरे गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने का फैसला लिया गया।

पहले सिर्फ शिखर स्वर्ण मंडित था
काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण महारानी अहिल्या बाई होल्कर ने साल 1780 में कराया था। इसके बाद 1853 में महाराजा रणजीत सिंह ने 22 मन शुद्ध सोने से पूरे शिखर को स्वर्ण मंडित कराकर स्वर्ण कलश स्थापित किया। इसके बाद इस साल महाशिवरात्रि पर बाबा के दरबार को सोने से सजा दिया गया है।