(www.arya-tv.com)देश में 15 से 18 साल के बच्चों को 3 जनवरी से कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। सरकार ने यह फैसला नए कोरोना वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को देखते हुए लिया है। केंद्र सरकार की कोविड-19 टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने रविवार को कहा कि बच्चों को भी बड़ों की तरह ही 4 सप्ताह के अंतर पर वैक्सीन की दोनों डोज दी जाएंगी। उन्होंने इसे बेहद उचित और समय पर किया गया फैसला बताया है। साथ ही इस फैसले को अवैज्ञानिक बताने वालों के दावे को भी खारिज कर दिया है।
राय ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए
इससे पहले रविवार को AIIMS के सीनियर डॉक्टर संजय के. राय ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए। उन्होंने इस फैसले को अनसाइंटिफिक यानी अवैज्ञानिक बताया है। डॉ. राय एपिडेमियोलॉजिस्ट और इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। माना जा रहा है कि डॉ. अरोड़ा ने अपने बयान में डॉ. संजय के दावे को ही खारिज किया है।
बॉडी बिहेवियर बहुत हद तक व्यस्कों जैसा
डॉ. अरोड़ा ने कहा, 12 से 18 साल तक की उम्र वाले बच्चों का बॉडी बिहेवियर बहुत हद तक व्यस्कों जैसा ही होता है। देश में कोविड-19 के कारण हुई कुल मौत में से दो तिहाई इस उम्र वाले बच्चों की हैं। ऐसे में इस उम्र वाले किशोरों को बचाव की ज्यादा जरूरत है। वे सब जगह घूमते रहते हैं और उनका संक्रमित होने का रिस्क बेहद ज्यादा होता है।
कोवैक्सिन की डोज देने की उम्मीद
डॉ. अरोड़ा ने कहा कि बच्चों का वैक्सीनेशन करने में कोई विशेष मेहनत नहीं करनी होगी। यह बेहद कम समय में बिना किसी अतिरिक्त तैयारी के शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को वैक्सीन की दोनों खुराक देने के लिए 4 सप्ताह का अंतर रखा जाएगा। यह ठीक उतना ही होगा, जितना व्यस्कों के लिए रखा गया था।
बता दें कि सरकार की तरफ से बच्चों को भारत बायोटेक की कोवैक्सिन की डोज देने की उम्मीद है। व्यस्कों को भी कोवैक्सिन की डोज चार सप्ताह के अंतर पर ही लगाई गई थी।
फैसले से पहले दूसरे देशों की स्टडी करें;डॉक्टर संजय
इससे पहले AIIMS के सीनियर डॉक्टर संजय के. राय ने बच्चों को वैक्सीन लगाने के फैसले को अवैज्ञानिक बताया। उनका कहना है कि इस फैसले पर अमल करने से पहले उन देशों के डेटा की स्टडी करनी चाहिए, जहां पहले ही बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है। अगर रिस्क और बैनेफिट एनालिसिस करें तो पाएंगे कि बच्चों को वैक्सीन लगाने के फायदे कम हैं और खतरे ज्यादा हैं। बता दें कि AIIMS में बड़ों और बच्चों पर कोवैक्सिन का ट्रायल चल रहा है। डॉ. राय इस ट्रायल में इनवेस्टिगेटर हैं।