आज हम आपको कुछ ऐसे खिलाड़ी के बारे में बताएंगे जिन्होंने संन्यास लेने के बाद दोबारा क्रिकेट जगत में कदम रखा।
क्रिस गेल
वेस्टइंडीज के विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल जब भारत के खिलाफ तीसरे वनडे में खेलने के लिए उतरे, तब माना गया कि ये उनका आखिरी मैच है, लेकिन फिर उन्होंने यू-टर्न ले लिया और कहा कि संन्यास की घोषणा अभी नहीं की है।
जवागल श्रीनाथ
लंबे समय टीम इंडिया के तेज गेंदबाज रहे जवागल श्रीनाथ ने तब क्रिकेट में पदार्पण किया था, जब कपिल देव जैसे दिग्गज खिलाड़ी टीम में हुआ करते थे। इंडियन क्रिकेट हिस्ट्री के सबसे बड़े गेंदबाजों में शुमार श्रीनाथ ने 2002 में ही क्रिकेट को अलविदा कर दिया था, लेकिन 2003 में खेले गए क्रिकेट विश्वकप में सौरव गांगुली के आग्रह पर उन्होंने संन्यास को छोड़कर एक बार फिर से मैदान में वापसी की। साथ ही इंडिया को फाइनल तक पहुंचाने में उन्होंने अहम योगदान दिया था।
जावेद मियांदाद
मियांदाद पाकिस्तान के महान खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। उन्होंने 6 विश्वकप टूर्नामेंट में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया है। इसके अलावा क्रिकेट में उनका योगदान बतौर बल्लेबाज सराहनीय रहा है। मियांदाद ने 124 टेस्ट मैचों में 8832 रन बनाए हैं। जबकि 231 वनडे में उनके नाम 7381 रन दर्ज हैं। मियांदाद ने 1996 विश्वकप से पहले संन्यास ले लिया था, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के कहने पर 10 दिन बाद उन्होंने फिर वापसी की थी।
कार्ल हूपर
वेस्टइंडीज के कार्ल हूपर पहले ऐसे क्रिकेटर बने थे, जिनके नाम पांच हजार रन और 100 विकेट दर्ज हुए थे। साथ ही 100 कैच भी उन्होंने लिए। 1999 में विश्वकप के बाद उन्होंने अचानक संन्यास की घोषणा कर दी थी, लेकिन 2001 में उन्होंने दोबारा वापसी की। वह वर्ष 2003 तक टीम के कप्तान भी रहे।
शाहिद अफरीदी
पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी को कई बार संन्यास लेने के लिए याद रखा जाएगा। पहली बार वह 2010 में संन्यास लिए। उन्होंने 2011 में भारत से सेमीफाइनल में मिली हार के बाद फिर क्रिकेट को अलविदा कहा, लेकिन फिर वापसी की। अफरीदी ने 398 मैचों में 8064 रन बनाए, 395 विकेट लिए। 2016 में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहा।
ब्रेंडन टेलर
पिछले वर्ष अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दोबारा वापसी करने वाले जिम्बाब्वे के विकेटकीपर बल्लेबाज ब्रेंडन टेलर को साल 2015 में मजबूरन संन्यास लेना पड़ा था। क्योंकि काउंटी क्रिकेट में कोल्पैक डील के तहत नाटिंघमशायर के साथ उनका करार था। जो पूरा हो गया, इसलिए यह 31 वर्षीय क्रिकेटर दोबारा जिम्बाब्वे की टीम में शामिल हुए थे।
