(www.arya-tv.com) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से बूस्टर डोज की अनुमति की डिमांड की है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि दिल्ली में 99% लोगों को पहला डोज लग चुका है और 70% लोग दूसरी डोज ले चुके हैं। लिहाजा अब केंद्र को दिल्ली के लोगों के लिए बूस्टर डोज देना चाहिए। केजरीवाल की इस मांग के बाद दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच सियासी तनातनी बढ़ सकती है। इसलिए नहीं कि बूस्टर डोज की मांग गलत है, बल्कि इसलिए क्योंकि यह मांग ऐसे समय में आई है जब केंद्र के पास इसे लेकर फिलहाल कोई पॉलिसी नहीं है।
केंद्र की तरफ से अभी कोई जवाब नहीं
सूत्रों की मानें तो केंद्र की वैज्ञानिक सलाहकार समिति ने इस दिशा में काम करने की सलाह केंद्र को दी है, लेकिन केंद्र की तरफ से अभी कोई जवाब नहीं मिला है। दिल्ली और महाराष्ट्र में इस वक्त सबसे ज्यादा संक्रमित लोग हैं। केजरीवाल की मांग तक संक्रमितों की संख्या 50 का आंकड़ा पार कर गई थी।
कोविड टास्क फोर्स प्रमुख एवं नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने बताया कि बूस्टर डोज को लेकर संबंधित सभी संस्थाएं एक्टिव हैं। चर्चा के बाद कोई फैसला लिया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बूस्टर डोज को लेकर संसद में भी चर्चा की है। बूस्टर डोज कब दिया जाए? कौन सा डोज दिया जाए? इसको लेकर काम चल रहा है, लेकिन इससे पहले ओमिक्रॉन को लेकर और ज्यादा जानकारी जुटाने की जरूरत है।
अब तक कोई ठोस कदम नहीं
कुल मिलाकर बूस्टर पॉलिसी पर चर्चा तो हो रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। तो ऐसे में सवाल है कि क्या केजरीवाल को यह नहीं पता कि बिना पॉलिसी बूस्टर डोज नहीं लग सकते? हैरत वाली बात यह है कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के मीडिया सलाहकार रजत तिवारी इस सवाल पर चौंकते हुए नजर आए। उनका कहना था कि ऐसी कोई मांग CM ने की है यह स्वास्थ्य मंत्रालय के संज्ञान में नहीं है।