(www.arya-tv.com) बॉलीवुड एक्टर गोविंदा 58 साल के हो गए हैं। 21 दिसंबर 1963 को विरार, महाराष्ट्र में जन्मे गोविंदा के बारे में कम ही लोग जानते होंगे कि जब वे पैदा हुए तो उनके पिता अरुण आहूजा ने उन्हें गोद तक लेने से इनकार कर दिया था। यह बात खुद गोविंदा ने एक इंटरव्यू के दौरान कही थी।
मां (निर्मला देवी) साध्वी बन गई थी
गोविंदा ने इस इंटरव्यू में बताया था, “जब मैं गर्भ में था तो मां (निर्मला देवी) साध्वी बन गई थी। वह पापा के साथ ही रहती थी, लेकिन बिल्कुल साध्वी की तरह। कुछ महीनों बाद मेरा जन्म हुआ तो पापा ने मुझे गोद लेने से इनकार कर दिया। दरअसल, उन्हें ऐसा लग रहा था कि मेरे कारण मां उनसे अलग होकर साध्वी बनी है। कुछ समय बाद जब लोगों ने उन्हें मेरे बारे में कहा कि कितना खूबसूरत बच्चा है, कितना अच्छा लड़का है, तब उन्होंने मुझे प्यार करना शुरू किया।”
‘नो शराब, नो सिगरेट
गोविंदा की मानें तो उनकी मां कभी नहीं चाहती थीं कि वे एक्टर बनें। हालांकि, मां (निर्मला देवी) साध्वी बन गई थी। गोविंदा के अनुसार, “मां चाहती थी कि मैं बैंक में जॉब करूं। ये मेरे पापा थे, जिन्होंने मुझे एक्टिंग फील्ड में आने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने मुझे कहा- ‘तुम अच्छा लिख सकते हो, अच्छे दिखते हो, एक्टिंग कर सकते हो, तुम्हें फिल्मों में जाना चाहिए। क्यों जॉब खोज रहे हो।’
कुछ समय तक मैं मां को बताए बगैर राजश्री प्रोडक्शन के चक्कर लगाता रहा। यह सोचकर कि शायद कोई काम मिल जाए। फिर एक दिन मैंने मां से रिक्वेस्ट की कि वे मुझे फिल्मों में जाने की परमिशन दे दें। तब उन्होंने परमिशन देने के साथ-साथ मुझसे कहा- ‘नो शराब, नो सिगरेट। यदि तुम ट्राय करना चाहते हो तो करो, लेकिन ये चीजें लाइफ में नहीं आनी चाहिए।’
इसके बाद मैं रोशन तनेजा जी के एक्टिंग इंस्टिट्यूट चला गया और मैं लकी था कि उन्होंने मुझसे फीस भी नहीं ली। सरोज खान जी ने मुझे डांस सिखाया, जिसके लिए कुछ चार्ज नहीं किया। फाइटर मास्टर राम ने फाइट सिखाने के लिए कोई फीस नहीं ली। इसका कारण सिर्फ इतना था कि वे सभी मेरे काम से प्रभावित थे।”
50 दिन के अंदर उन्होंने 49 फिल्में साइन की थीं
गोविंदा ने 21 साल की उम्र में पहली फिल्म की थी। फिल्म का नाम था ‘हत्या’ (1988)। होम प्रोडक्शन की इस फिल्म को उनके बड़े भाई कीर्ति आहूजा ने डायरेक्ट किया था। यहां गोविंदा ने इस बात का जिक्र भी किया था 21 की उम्र में 50 दिन के अंदर उन्होंने 49 फिल्में साइन की थीं। बता दें कि गोविंदा 6 भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं।
उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा
गोविंदा ने 1986 में फिल्म ‘इल्जाम’ से बॉलीवुड डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दीं। 90 के दशक में उनकी पॉपुलैरिटी चरम पर थी जब उन्होंने ‘राजा बाबू’ (1994), ‘कुली नंबर 1′(1997), दूल्हे राजा (1998), ‘बड़े मियां छोटे मियां’ (1998) और ‘हसीना मान जाएगी’ (1999) जैसी हिट फिल्में दीं।
2000 के बाद से गोविंदा का बुरा दौर शुरू हुआ। उन्होंने ‘भागम भाग'(2006),’पार्टनर'(2007) जैसी फिल्मों से वापसी करने की कोशिश की। गोविंदा की पिछली फिल्म ‘रंगीला राजा’ थी जो कि बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिटी थी।
गोविंदा का पाकिस्तान से गहरा नाता है
कम ही लोग जानते होंगे कि गोविंदा का पाकिस्तान से गहरा नाता है। उनके पिता अरुण आहूजा का जन्म गुजरानवाला (अंग्रेजी शासन के दौरान), पाकिस्तान में हुआ था। अरुण वहां से मुंबई आ गए और 1940 में महबूब खान की फिल्म ‘औरत’ से बॉलीवुड में एंट्री ली। वे एक सक्सेसफुल एक्टर साबित हुए। कार्टर रोड पर उनका एक खूबसूरत बंगला भी था। गोविंदा की मानें तो एक बार उनके पिता ने एक फिल्म प्रोड्यूस की, जो भारी घाटे में चली गई। फाइनली, उन्हें बंगला बेचकर विरार में शिफ्ट होना पड़ा।
गरीबी में बीता बचपन
गोविंदा का जन्म एक्टर कपल के यहां हुआ था। उनके पिता अरुण आहूजा ने तकरीबन 40 फिल्मों में काम करने के बाद इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया था। वहीं, गोविंदा की मां निर्मला देवी जानी-मानी क्लासिकल सिंगर और अभिनेत्री थीं। इसके बावजूद गोविंदा का बचपन गरीबी में बीता और उन्हें काफी स्ट्रगल करनी पड़ी। दरअसल, गोविंदा के जन्म से पहले पिता के डूबते फिल्मी करियर ने पूरी फैमिली को बर्बादी के रास्ते पर पहुंचा दिया था।
इंग्लिश ना आने के कारण नहीं मिली नौकरी
घर की खराब आर्थिक स्थिति के चलते गोविंदा जब बड़े हुए तो उन्होंने नौकरी पाने के लिए बहुत पापड़ बेले। कॉमर्स में ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद एक बार वह मुंबई के होटल ताज में वह स्टीवर्ट की नौकरी का इंटरव्यू देने गए लेकिन उन्हें यह नौकरी नहीं मिली। गोविंदा ने बताया था-मुझे यह नौकरी नहीं मिली क्योंकि मैं इंग्लिश नहीं बोल पाता था। मैंने इंटरव्यू में इंग्लिश में बात नहीं की थी।