चेयरमैन को मिल सकता है इरडाई का टॉप पोस्ट, राजकुमार बन सकते हैं LIC प्रमुख

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(www.arya-tv.com) देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में अगले साल बड़े पैमाने पर बदलाव की तैयारी है। खबर है कि इसके वर्तमान चेयरमैन इरडाई में जा सकते हैं। जबकि इसके अभी के MD को कंपनी का चेयरमैन बनाया जा सकता है। LIC का असेट साइज 32 लाख करोड़ रुपए है।

 4.5 लाख रुपए महीने की सैलरी

बता दें कि बीमा रेगुलेटर इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) के चेयरमैन का पद मई से खाली है। मई में इसके चेयरमैन सुभाषचंद्र खुंतिया रिटायर हो गए थे। उनके रिटायरमेंट से पहले ही अप्रैल में आवेदन मंगाए जा चुके थे। इस पद के लिए 4.5 लाख रुपए महीने की सैलरी दी जाती है। हालांकि 8 महीने बीतने के बाद भी सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं किया। जबकि इसके लिए 20 से ज्यादा अधिकारियों ने अप्लाई किया है।

कार्यकाल 9 महीने बढ़ाया गया

अप्लाई करनेवालों में खुद LIC चेयरमैन M.R कुमार भी थे जो जून में LIC से रिटायर होने वाले थे, लेकिन सरकार ने उन्हें सेवा विस्तार दे दिया था। उनका कार्यकाल 9 महीने बढ़ाया गया था और फिर उसी के साथ 62 साल की उम्र तक उनको इस पद पर रहने का आदेश जारी कर दिया गया था। उनका 9 महीने का कार्यकाल 13 मार्च को खत्म होगा।

 एम.आर. कुमार  प्रमुख दावेदार

सूत्रों के मुताबिक, इतने लंबे समय से खाली पड़े पद को अब भरने की तैयारी हो सकती है और एम.आर. कुमार इसके प्रमुख दावेदार हैं। इससे पहले एलआईसी के चेयरमैन टी.एस विजयन भी इरडाई के चेयरमैन रह चुके हैं। जनवरी में ही LIC के MD राजकुमार रिटायर होने वाले हैं। वे इस समय इसके चार MD में सबसे सीनियर हैं। इसमें इस समय मिनी आइप, राजकुमार, एस.के मोहंती और बी.सी. पटनायक हैं। जनवरी या फरवरी में दिनेश भगत MD बनेंगे, क्योंकि उस समय एक MD का पद खाली हो जाएगा।

चेयरमैन का कार्यकाल अब 62 साल

अब अगर कुमार इरडाई में जाते हैं तो सीधे तौर पर राजकुमार को LIC चेयरमैन बनाया जा सकता है। क्योंकि चेयरमैन का कार्यकाल अब 62 साल है और राजकुमार के पास दो साल अभी भी बचा है। साथ ही राजकुमार ही LIC के IPO को देख रहे हैं जो जनवरी से मार्च के दौरान आएगा। यह देश का सबसे बड़ा इश्यू है।

नई नियुक्ति तुरंत कर देनी चाहिए

इरडाई के चेयरमैन का पद 8 महीने से खाली होने के कारण पॉलिसीधारकों और इंडस्ट्री में गलत मैसेज गया है। बीमा इंडस्ट्री का मानना है कि जैसे सरकार ने बैंकिंग और अन्य सेक्टर में सेवा विस्तार अधिकारियों को दिया है, वैसे ही इरडाई में भी दे देना चाहिए था या फिर नई नियुक्ति तुरंत कर देनी चाहिए थी, क्योंकि किसी सेक्टर के रेगुलेटर के प्रमुख का 8 महीने तक खाली पद सही नहीं है।