(www.arya-tv.com) कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर अब भारतीय तेजी के साथ बढ़ने लगे हैं। अधिकांश क्षेत्रों में लोगों ने नकदी का प्रयोग करना कम कर दिया है। बिजली विभाग ने अपने उपभोक्ताओं की सहूलियत के लिए आनलाइन बिल जमा करने की सुविधा शुरू की थी। आनलाइन बिल जमा करने की सुविधा का लाभ करीब 47 प्रतिशत उपभोक्ता लेने लगे हैं या यूं कहें कि अब हर दूसरा उपभोक्ता आनलाइन बिजली बिल जमा कर रहा है। इससे जहां विद्युत विभाग को अपने कर्मचारियों को नहीं लगाना पड़ रहा है। वहीं, उपभोक्ताओं को बिल जमा करने के लिए लगने वाली लाइन और विभागीय कार्यालयों में दौड़ने की झंझट से मुक्ति मिल गई है।
कुछ वर्षों पहले बिजली बिल जमा करने के लिए काउंटर के बाहर लंबी लाइनें लगती थीं। यही नहीं, कई स्थानों पर कैंप लगाकर बिल जमा कराया जाता था। नोटबंदी के बाद से आनलाइन बिल जमा करने की दिशा में तेजी से काम हुआ। इसके बाद कोरोना काल में बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने आनलाइन बिल जमा किया। विद्युत विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष नवंबर में 46.90 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने आनलाइन बिल जमा किया। वहीं, 43.10 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने आफलाइन तरीके से बिल जमा किया।
660 कार्यक्रम दिवस एक श्रमिक का काम बचा :
विद्युत नगरीय वितरण मंडल के अधीक्षण अभियंता विकास सिंघल ने बताया कि नवंबर में 112197 बिल जमा करने में एक क्लर्क को करीब 660 दिन का समय लगता। इस लिहाज से बड़ी संख्या में श्रम की बचत हर माह आनलाइन बिजली बिल जमा किए जाने की वजह से होती है। इसके साथ ही इससे कैशलेस इकानामी को भी बढ़ावा मिलता है। विभाग को एक बड़ी परेशानी से राहत मिल जाती है। इसके साथ ही बिजली बिल भी समय से जमा हो जाता है।