(www.arya-tv.com) प्रदेश भाजपा में बैठकों का दौर समाप्त हो गया है। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव और राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश ने इन बैठकों के माध्य से सत्ता और संगठन को कई कसौटियों पर परखा। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कामकाज और कार्यशैली से भाजपा आलाकमान पूरी तरह से संतुष्ट है। जबकि मंत्रियों के परफार्मेंस से नाखुश भी दिखाई दिया।
विधायकों का कामकाज भी संतोषजनक नहीं है। इस कारण पार्टी के नेतृत्व को एंटी इनकमबंसी का डर सता रहा है। इस संदर्भ में पार्टी ने विधायकों को चेतावनी दी है और कहा है कि अगली बैठक से पूर्व अपना पर फर सुधार लें अन्यथा उनका टिकट खतरे में आ जाएगा। समूची कवायद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तो पास हुए लेकिन शिवगण बुरी तरह से फेल नजर आए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रदर्शन से संतुष्ट आलाकमान ने उन्हें निगम मंडल में नियुक्तियों और मंत्रिमण्डल में फेरबदल कब करना है इन सभी मामलों में फ्री हैंड दे दिया है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमण्डल में फेरबदल को लेकर जल्दबाजी नहीं करना चाहते। निगम मंडल में नियुक्तियों को लेकर भी वे हड़बड़ी में नहीं हैं। प्रदेश सरकार फिलहाल शीतकालीन अधिवेशन का सामना करना चाहती है उसके बाद ही मुख्यमंत्री राजनीतिक नियुक्तियों के बारे में निर्णय लेंगे।
इस बीच यदि पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा हो जाती है तो फिर नियुक्तियां पंचायत चुनाव के बाद ही होंगी। प्रदेश मंत्रिमण्डल में भी चार स्थान रिक्त हैं। विंध्य और महाकौशल के विधायकों की शिकायत है कि उनके क्षेत्र को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। दूरी ओर भाजपा के अनेक नेता निगम मण्डल में नियुक्तियों के लिए प्रतीक्षारत हैं।
उन्हें पिछली बार विधानसभा उपचुनाव में और इस वर्ष में चार उपचुनाव के दौरान आश्वासन दिए गए थे इस कारण से वे बेसब्री से निगम मण्डल में नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री इन नियुक्तियों को इसलिए भी टाल रहे हैं क्योंकि दोवदार अधिक हैं और पद कम हैं।