हर शहीद के परिवार को देंगे 25 लाख रुपए किसान शहादत सम्मान राशि;अखिलेश

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(www.arya-tv.com)सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया। उन्होंने ट्वीट किया- किसान का जीवन अनमोल होता है क्योंकि वो ‘अन्य’ के जीवन के लिए ‘अन्न’ उगाता है। हम वचन देते हैं कि 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार आते ही किसान आंदोलन के शहीदों को 25 लाख की ‘किसान शहादत सम्मान राशि’ दी जाएगी।

 राकेश टिकैत पीछे नहीं हटे हैं

इस समय के राजनीतिक नजरिए से अखिलेश यादव का यह ट्वीट काफी मायने रखता है। किसान आंदोलन के आगे केंद्र सरकार को भी झुकना पड़ा है। PM नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिए। साथ ही वह इसको लेकर देश से माफी भी मांग चुके हैं।

750 किसानों को शहीद का दर्जा देने की मांग

इसके बाद भी किसान नेता राकेश टिकैत पीछे नहीं हटे हैं। वह एक साल से चल रहे किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले 750 किसानों को शहीद का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। साथ ही उन किसानों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की भी मांग कर रहे हैं। हालांकि, इस मांग पर केंद्र सरकार ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।

अब इस मुद्दे को अखिलेश यादव ने हाथोंहाथ लिया है। उनका ट्वीट इसी बात का सबूत है। अब देखना यह है कि अखिलेश यादव के इस ट्वीट का किसानों और उनके परिजनों पर क्या असर पड़ता है?

 22 करोड़ रुपए आवंटित

किसान आंदोलन में मृत किसानों को शहीद बताते हुए लगातार मुआवजे की मांग उठ रही है। खुद भारतीय जनता पार्टी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने PM नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर शहीद किसान के परिवारों को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग की थी।

20 नवंबर को तेलंगाना के CM के चंद्रशेखर राव ने भी किसान आन्दोलन के मृतक किसानों के परिवारों को 3-3 लाख रुपए देने की घोषणा की थी। इसके लिए उन्होंने 22 करोड़ रुपए आवंटित किया हैं।

अब MSP के लिए अड़े किसान

किसान आंदोलन को एक साल पूरा हो चुका है। इस दौरान करीब 750 किसानों की शहादत हुई है। किसानों की मांग है कि अब सरकार MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर भी मंजूरी दी जाए दे। इसके अलावा अब तक जितने भी किसानों के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उन्हें वापस लिया जाए।

कुंडली बॉर्डर पर भीड़ जुटनी शुरू

उधर, SKM (संयुक्त किसान मोर्चा) ने किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने पर सभी मोर्चों पर भीड़ बढ़ाने की पहल शुरू कर दी है। सोमवार को लखनऊ की महापंचायत में किसान अपनी ताकत दिखा चुके हैं। अब किसानों ने कुंडली बॉर्डर पर भीड़ जुटानी शुरू कर दी है। इसके लिए सोशल मीडिया पर भी लगातार अपील की जा रही है। तीन कृषि कानून रद्द होने की घोषणा से किसानों को उम्मीद है कि MSP समेत अन्य मांगें भी पूरी होंगी।