(www.arya-tv.com) बहुप्रतीक्षित मां अन्नपूर्णा की मूर्ति वाराणसी पहुंची तो सुबह आठ बजे प्रतिमा दुर्गाकुंड स्थित माता कुष्मांडा मंदिर पहुंची। यहां से साज- श्रृंगार करके आगे बाबा दरबार के लिए रवाना किया गया। इसके बाद प्रतिमा सोनारपुरा, मदनपुरा जंगम बाड़ी तक हर हर महादेव और मैया के जयकारे के बीच अपने गंतव्य बाबा काशी विश्वनाथ धाम पहुंचने की ओर लगातार अग्रसर रही।
मूर्ति सुबह नौ बजे जंगमबाड़ी मठ की ओर पहुंची तो हर हर महादेव के उद्घोष और अन्नपूर्णा माता की जय के नारों से चारों दिशाएं गूंज उठीं। लोगों ने पुष्पवर्षा की तो थोड़े ठहराव के बाद शोभायात्रा विश्वनाथ कारीडोर के लिए रवाना हो गई।
इस प्रकार 100 वर्षों से अधिक समय के बाद माता अन्नपूर्णा अपने घर बाबा दरबार परिक्षेत्र में वापस आईं तो समूची काशी उनके आगमन से निहाल नजर आई। इस प्रकार बाबा दरबार परिक्षेत्र और काशी विश्वनाथ कारीडोर में पहली मूर्ति की स्थापना उसके लोकार्पण के पूर्व हो गई। अब आगामी 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा दरबार परिक्षेत्र स्थित विश्वनाथ धाम कारीडोर का लोकार्पण करेंगे तो माता अन्नपूर्णा की यह मूर्ति भी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए उपलब्ध होगी।