आयोजन के दूसरे दिन राष्‍ट्रीय सुरक्षा, अखंडता और राष्‍ट्रवाद पर मंथन

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वाराणसी (www.arya-tv.com) काशी में धर्म- संस्‍कृति और संस्‍कारों संग राष्‍ट्रीय सुरक्षा, अखंडता और राष्‍ट्रवाद पर वैचारिक मंथन का शनिवार को दूसरा दिन है। संस्‍कृति संसद के दूसरे दिन शनिवार को चतुर्थ सत्र में ‘भारत की सांस्कृतिक विरासत’ पर सुबह 10 बजे से 11 बजे तक आरिफ मोहम्मद खान, राज्यपाल, केरल ने वक्‍तव्‍य दिया तो संचालक अशोक श्रीवास्तव ने किया।

पांचवां सत्र ‘ढाई युद्ध के मोर्चे पर भारत व राष्ट्रीय सुरक्षा में आम नागरिकों की भूमिका’ पर सुबह 11 से 12 बजे अंबिका बाजपेयी का वक्‍तव्‍य हुआ तो राष्‍ट्रीय सुरक्षा पर चिंतन भी आयोजन में उभरा।

वहीं इसी सत्र में आरके सिंह, ऊर्जा मंत्री, भारत सरकार, जनरल वीके सिंह, राज्य मंत्री, नागरिक उड्डयन, भारत सरकार, डा. अशोक बेहुरिया, निदेशक, आईडीएसए ने भी अपने विचार व्‍यक्‍त किए तो संचालक प्रवेश खन्ना ने किया।

छठवें सत्र में ‘हिंदू होलोकास्टः हिंदू संस्कृति पर दो हजार वर्षों तक हुए हमले’ दोपहर 12 से एक बजे तक मंथन होना है। इसमें कोनराड एल्स्ट, प्रसिद्ध इतिहासकार, डा. विक्रम संपथ, इतिहासकार व लेखक परिचर्चा करेंगे तो संचालन डा. राज मिश्रा संभालेंगे। सांतवें सत्र में ‘पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक चुनौतियां’ विषय पर दोपहर दो से तीन बजे तक मंथन होगा। आठवें सत्र में ‘उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम 1991 एवं अन्य धार्मिक कानूनः धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हिंदुओं का दमन’ पर शाम तीन से चार बजे तक अंबिका बाजपेयी का व्‍याख्‍यान होना है।

जबकि स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती, महामंत्री, अखिल भारतीय संत समिति, आलोक कुमार, अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष, विश्व हिंदू परिषद, अश्विनी उपाध्याय, वरिष्ठ अधिवक्ता, उच्चतम न्यायालय भी अपने विचार रखेंगे। नौवें सत्र में ‘संस्कृति की अविरल धारा मां गंगा’ पर शाम 4.30 से 5.30 बजे तक विमर्श होगा। जिसमें गजेंद्र सिंह शेखावत, जलशक्ति मंत्री, भारत सरकार, इंद्रेश कुमार, वरिष्ठ प्रचारक, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, रत्नाकर, संगठन महामंत्री, भाजपा, गुजरात शामिल होंगे।

वहीं समानांतर सत्र-में हिंदू मंदिर प्रबंधन हिंदुओं के द्वारा एवं भारत के प्रत्येक संप्रदाय को शिक्षण एवं सांस्कृतिक संस्थानों के संचालन की स्वतंत्रता पर आलोक कुमार, अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष, विश्व हिंदू परिषद, एडवोकेट एलवी सुब्रमण्यम, प्रो. रामचंद्र पांडेय, पूर्व विभागाध्यक्ष, ज्योतिष विभाग, बीएचयू, अशोक तिवारी, संत संपर्क प्रमुख, विहिप विचार व्‍यक्‍त करेंगे। समानांतर सत्र के अगले चरण में ‘युगानुकूल आचार संहिता एवं हिंदुओं के धार्मिक निर्णय’पर वाचस्पति त्रिपाठी शर्मा, प्रसिद्ध धर्मशास्त्री, प्रो. रामकिशोर त्रिपाठी, उपाध्यक्ष, श्रीकाशी विद्वत परिषद, प्रो. विनय पांडेय, पूर्व अध्यक्ष, ज्योतिष विभाग, बीएचयू वक्‍तव्‍य देंगे। वहीं सांस्‍कृतिक आयोजनों के क्रम में व्यास मौर्या व सुचरिता गुप्ता शाम सात बजे से स्‍वर साधना करेंगे।