(www.arya-tv.com)कासगंज में पुलिस कस्टडी में रहे युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत पर यूपी में राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आज कासगंज जा सकती हैं। फिलहाल सूचना है कि प्रियंका से पहले कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद पहुंचेंगे। बुधवार को प्रियंका ने यह मुद्दा सोशल मीडिया पर उठाया था। प्रियंका ने कहा कि यूपी पुलिस हिरासत में मौत के मामले में देश में सबसे ऊपर है। भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है।
इधर, बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी सरकार को घेरा है। मायावती ने कहा कि कासगंज में पुलिस कस्टडी में एक और युवक की मौत अति-दुखद व शर्मनाक है। सरकार घटना की उच्चस्तरीय जांच करवाकर दोषियों को सख्त सजा दे तथा पीड़ित परिवार की मदद भी करे।
अखिलेश ने डेलिगेशन भेजा
समाजवादी पार्टी का छह सदस्यीय डेलिगेशन गुरुवार को पीड़ित परिवार से मिलने जाएगा। बुधवार को अखिलेश ने कहा कि कासगंज में पूछताछ के लिए लाए गए युवक की थाने में मौत का मामला बेहद संदेहास्पद है। लापरवाही के नाम पर कुछ पुलिसवालों का निलंबन सिर्फ दिखावटी कार्रवाई है। इस मामले में इंसाफ और भाजपा के राज में पुलिस में विश्वास की पुनर्स्थापना के लिए न्यायिक जांच होनी ही चाहिए।
क्या है पूरा मामला
9 नवंबर को एक नाबालिग हिंदू लड़की को कथित रूप से बहला-फुसलाकर साथ ले जाने के एक मामले में पूछताछ के लिए अल्ताफ (22) को हिरासत में लिया गया था। इस दौरान अल्ताफ ने हवालात के अंदर बने बाथरूम में जाने की इच्छा जताई। इस पर उसे इजाजत दे दी गई, वहां उसने जैकेट के हुक में लगी डोरी से बाथरूम के नल में फंसा कर अपना गला घोंटने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि देर तक नहीं लौटने पर पुलिसकर्मी बाथरूम में गए और अल्ताफ को अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी मौत हो गई।
बेटे ने आत्महत्या की
वहीं, अल्ताफ के पिता का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया। जिसमें वो ये कह रहे हैं कि मैंने मीडिया के सामने गुस्से में हत्या करने वाली बात बोल दी थी। डॉक्टर से बात करने के बाद पता चला कि बेटे ने आत्महत्या की है। उन्होंने यह भी कहा कि मेरे साथ पुलिस का व्यवहार अच्छा था। यह भी बताया कि पुलिस बेटे को इलाज करवाने के लिए लाई थी, लेकिन तब तक उसने दम तोड़ दिया। पिता के इस बयान के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि पिता पुलिस के दबाव में आकर ऐसे बयान दे रहे हैं। पिता ने पहले पुलिस पर हत्या करने का आरोप लगाया था।
पुलिसका विरोधाभासी बयान
मामले में पुलिस का कहना था कि अल्ताफ ने जैकेट की डोरी का फंदा बनाकर बाथरूम के नल से फांसी लगा ली। वहीं, जांच में पुलिस का बयान झूठा साबित हो रहा है। पुलिस जिस बाथरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या करने की बात कह रही है, वहां पर न कोई नल पाया गया है और न ही कोई पाइप। मौके पर बस एक 2 फुट ऊंची पानी की टंकी रखी हुई है, जिसे देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि इससे कोई व्यक्ति खुद को फांसी कैसे लगा सकता है।