सोना तस्करी की सबसे बड़ी मंडी बना UP

UP

(www.arya-tv.com)सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी एवं गुड्स सर्विस टैक्स (GST) में लगातार इजाफे के चलते इसकी तस्करी को पंख लग गए हैं। उत्तर प्रदेश सोने की तस्करी की सबसे बड़ी मंडी बन चुका है। विदेश से तस्करी करके लाया जा रहा ज्यादातर सोना प्रदेश के रास्ते पूरे देश में पहुंचाया जा रहा है।

लॉकडाउन में भी दुबई और संयुक्त अरब से आने वाली इंटरनेशनल फ्लाइट से लखनऊ और वाराणसी के एयरपोर्ट पर तस्करी का सोना पकड़ा गया है। इस साल अब तक अकेले लखनऊ एयरपोर्ट पर 11.5 करोड़ रुपए से ज्यादा का सोना कस्टम विभाग ने बरामद किया है। ज्यादातर सोना दुबई या फिर खाड़ी देशों से आने वाले यात्रियों के पास से पकड़ा गया है। आइए जानते हैं तस्करी कर लाए जाने वाले सोने के 6 अनोखे तरीके-

अंडरगारमेंट्स सबसे मुफीद

तस्कर ज्यादातर अंडरगारमेंट्स का प्रयोग कर सोने की तस्करी को अंजाम दे रहे हैं। जिसमें अहम रोल महिलाओं का रहता है। इसके साथ ही अंडरवियर वाला तरीका सबसे ज्यादा अपनाया जा रहा है। अंडरवियर की लास्टिक व बेल्ट में सोने के बिस्किट सिलवाकर तस्करी के खेल को अंजाम दिया जा रहा है। तलाशी में सुरक्षाकर्मी अंडरगारमेंट्स पर ज्यादा ध्यान नहीं देते, इसलिए अमूमन यह सोना एयरपोर्ट से बाहर निकल ही जाता है।

शर्ट के बटन और चश्मे के फ्रेम

हालांकि, यह तरीका पुराना है, मगर तस्कर अब भी इसे कारगर मानते हैं। इसमें सोने के वजनी बटन शर्ट में लगाकर सात समुंदर पार लाया जाता है। सोने के भारी और मोटे फ्रेम का चश्मा लगाकर तस्कर और उनके कैरियर रईसजादे बनकर बड़ी चालाकी से निकल जाते हैं।

इम्पोर्टेड चॉकलेट भी तस्करों का तरीका

हालही, में पुलिस ने तस्करी के कई ऐसे मामले पकड़े गए जिसमें सोने को इम्पोर्टेड चॉकलेट के रूप में लाया गया था। सोने के बिस्किट पर चॉकलेट की लेप चढ़ाकर उसे रैपर में पैक करके लाया जाता है।

जूते का सोल बनकर आता है सोना

वहीं, जूते में सोने के सोल लगाकर ऊपर रबर की पट्टी चढ़ा दी जाती है। रबर चढ़ा होने की वजह से सोना एक्सरे मशीन की पकड़ में नहीं आता है। दूसरे पैदल चलने पर सोना टूटकर निकलने का भी डर नहीं रहता है।

रंग बिरंगे बाल कर रहे राह आसान

कस्टम अफसरों के मुताबिक, आजकल बालों को गोल्डन, ब्राउन, ग्रीन कलर करने का चलन तस्करों की राह आसान कर रहा है। तस्कर सोने के तार बनाकर इन्हें बालों के बीच रखकर हेयरबैंड, चिमटी लगा लेते हैं या बालों का जुड़ा बना लेते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक सामान की ज्यादा निगरानी

एयरपोर्ट पर इलेक्ट्रॉनिक सामान की सबसे ज्यादा निगरानी की जारी है। क्योंकि यह सोना लाने का सबसे आसान तरीका है। आयरन प्रेस, मोबाइल फोन, टेप रिकॉर्डर जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में सोने को कार्बन पेपर में लपेटकर रखा जाता है। कार्बन पेपर की वजह से एक्सरे मशीन इसे स्कैन नहीं कर पाती है।

4 साल में इतना पकड़ा गया तस्करी का सोना

  • 2018- 37 किलो 877 ग्राम
  • 2019- 66 किलो 732 ग्राम
  • 2020- 52 किलो 016 ग्राम
  • 2021- 138 किलो 706 ग्राम

इस तरह गोल्ड स्मगलिंग में होता है फायदा
50 लाख रुपए प्रति किलो सोने पर 7.5 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी और 2.5 प्रतिशत एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर ऐंड डेवलपमेंट सेस जोड़ें तो यह रकम 5 लाख रुपए हुई। 3 प्रतिशत जीएसटी और जोड़ दें तो कुल टैक्स 6.50 लाख रुपए तक पहुंचता है। इसमें सोना लाने वाले का खर्च डेढ़ लाख रुपए घटा दें तो मोटे तौर पर 5 लाख रुपए की बचत हुई। खाड़ी देशों से तस्करी ज्यादा इसलिए होती है, क्योंकि वहां सोना कस्टम फ्री है।

कस्टम विभाग ने 11.5 करोड़ से ज्यादा का सोना पकड़ा
इस साल अब तक अकेले लखनऊ एयरपोर्ट पर 11.5 करोड़ रुपए से ज्यादा का सोना कस्टम विभाग ने पकड़ा है। लखनऊ एयरपोर्ट पर पकड़ा जाने वाला ज्यादातर सोना दुबई या फिर खाड़ी देशों से आने वाले यात्रियों के पास से पकड़ा गया है। इसके अलावा वाराणसी एयरपोर्ट पर भी एक साल में करोड़ों रुपए का सोना पकड़ा गया। ज्यादातर सोना सऊदी अरब, दुबई और बैंकाक से लाया जा रहा है।

क्यों होती है तस्करी?
सराफा कारोबारियों को तस्करी वाला 2 नंबर का सोना बैंक से खरीदे एक नंबर के सोने के सापेक्ष 1.60 लाख रुपए सस्ता मिलता है। कारोबारी बैंक (टैक्स सहित) से सोना 35.70 लाख में लेते हैं। वहीं, तस्करों को इतने सोने के 34.10 लाख रुपए देने पड़ते हैं।