(www.arya-tv.com) अमेरिका ने आखिरकार अफगानिस्तान में आतंक के खिलाफ 20 साल लंबे अभियान का अंत कर दिया है। 9/11 यानी 11 सितंबर 2001 को दुनिया को सबसे बड़ा आतंकी हमला झेलने के करीब एक महीने बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में आतंकवाद को पनाह देने वाले तालिबान के खिलाफ युद्ध छेड़ा था।
दरअसल, दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के वजूद को चुनौती देने वाले इस हमले में 3 हजार से ज्यादा लोगों की जानें गई थीं।
अमेरिका ने इस हमले के मास्टरमाइंड औऱ अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन (Al Qaeda Osama Bin laden) को सौंपने का हुक्म तालिबान को दिया था।
लेकिन सत्ता के गुरूर में तालिबान ने अमेरिका को ठेंगा दिखा दिया. जवाब में अमेरिका ने 7 अक्टूबर 2001 को अफगानिस्तान में धावा बोल दिया। अमेरिकी अगुवाई में नाटो सेनाओं ने ऑपरेशन एंड्योरिंग फ्रीडम के तहत तालिबान के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया।
2001 में वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर पर हमला
अलकायदा ने 11 सितंबर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर अपहृत विमानों के जरिये हवाई हमला बोला। सुबह 8.30 बजे के वक्त 45 मिनट के भीतर ही 110 मंजिला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढेर होते देख दुनिया सन्न रह गई।
तीसरे विमान से अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन को निशाना बनाया गया। चौथे विमान में सवार आतंकियों का मकसद अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस पर हमला बोलना था, लेकिन प्लेन के अंदर आतंकियों और यात्रियों में हाथापाई के बीच वो विमान एक मैदान में जाकर गिरा।
इमारतों का मलबा औऱ जहरीली गैसों के शिकार लोग दशकों तक बीमारी से जूझते रहे। अमेरिकी सरकार ने 300 अरब रुपये से ज्यादा खर्च किए। दो हजार अरब रुपये से ज्यादा का झटका न्यूयॉर्क शहर को लगा।
7 अक्टूबर 2001 अमेरिका हमला शुरू
अमेरिका ने ऑपरेशन इंड्योरिंग फ्रीडम के तहत 7 अक्टूबर को अफगानिस्तान में हवाई हमला शुरू किया। नवंबर-दिसंबर में 1300 अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान पहुंचे। तालिबान के ज्यादातर बड़े नेता पाकिस्तान भाग गए।
अफगानिस्तान (Afghanistan) में नाटो के सैन्य अभियान में ब्रिटेन, फ्रांस समेत कई देश हिस्सा थे। वर्ष 2001 से 2009 के बीच काबुल, कंधाार, हेरात समेत सभी बड़े शहरों को मिलाकर अमेरिकी सैनिकों की तादाद 67 हजार तक पहुंच गई।
2009 में अमेरिकी सैनिक बढ़ाने का ऐलान
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा (US President Barack Obama ) ने 2009 में ऐलान किया कि अफगानिस्तान में आतंकी संगठनों को खत्म करने के लिए सैनिकों की संख्या 1 लाख तक बढ़ाई जाएगी।
2011में ओसामा बिन लादेन ढेर
अफगानिस्तान में सैन्य अभियान के 10 साल बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA ने ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान के ऐबटाबाद शहर में खुफिया मिशन के तहत खोज निकाला। 2 मई 2011 को अमेरिकी नेवी सील कमांडो ऑपरेशन नेपच्यून स्पीयर के तहत ऐबटाबाद में उस इमारत में घुसे और ओसामा बिन लादेन का खात्मा कर दिया। कमांडो उसकी लाश को भी साथ ले गए।
2013 में तालिबान के बड़े नेता हुए ढेर
अमेरिका के ड्रोन हमले में हकीमुल्ला मेहसूद तालिबान के तीन बड़े नेता ढेर हुए।तालिबान ने आत्मघाती हमलों की चेतावनी दी। काबुल और कंधार में तालिबान ने कई बड़े आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया। सैकड़ों लोग मारे गए।