फौसी की चेतावनी- डेल्टा से भी घातक वैरिएंट आने की आशंका, दोगुने हो सकते हैं केस

Health /Sanitation International

(www.arya-tv.com)अमेरिका के टॉप कोरोना वायरस एडवाइजर डॉ. एंथनी फौसी ने महामारी को लेकर फिर अलर्ट किया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मामले दोगुने हो सकते हैं, क्योंकि डेल्टा से भी खतरनाक वैरिएंट आने की आशंका है। उन्होंने कहा कि अगर US में कोरोना मामलों की मौजूदा उछाल जारी रही तो देश को वायरस के और अधिक घातक स्ट्रेन का सामना करना पड़ेगा। साथ ही इस पर अभी तक की वैक्सीन बेअसर हो जाएंगी।

US में इन दिनों डेल्टा की वजह से संक्रमित मामलों में इजाफा हुआ है। यह वैरिएंट कोरोना वायरस के ओरिजिनल स्ट्रेन से अधिक संक्रामक है। फौसी ने कहा कि यह अलग तरह का वायरस है। हम इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोग भी संक्रमित हो रहे हैं। साथ ही वो दूसरों को भी इन्फेक्टेड कर रहे हैं।

नए वैरिएंट के म्यूटेट होने का बिल्कुल सही समय: डॉ. फौसी
फौसी ने कहा कि वैक्सीनेशन में कमी के चलते वायरस का फैलना जारी है। नए वैरिएंट के म्यूटेट होने का यह बिल्कुल सही समय है, जो कि बहुत घातक होगा। मौजूदा वैक्सीन्स ने वायरस के खिलाफ अच्छा असर दिखाया है। इनसे बीमारी की गंभीरता कम हुई है। हालांकि ऐसा नए वैरिएंट के साथ न हो। जो लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं, वो दूसरों को भी खतरे में डाल रहे हैं।

वैक्सीन न लगवाना कोरोना के फैलने का अहम कारण: डॉ. फौसी
कुछ दिनों पहले उन्होंने कहा था कि अमेरिका में चीजें बदतर होने जा रही हैं, क्योंकि यहां डेल्टा वेरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं। टीका न लगवाना कोरोना को फैलाने का सबसे अहम कारण होगा। यह सतर्क हो जाने का समय है।

US की आधी आबादी का वैक्सीनेशन पूरा
अमेरिका में अब तक 3 करोड़ 61 लाख 76 हजार 471 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 2 करोड़ 97 लाख 87 हजार 316 रिकवर हुए हैं। 6 लाख 31 हजार 299 की मौत हुई है। यहां फिलहाल 57 लाख 57 हजार 856 एक्टिव केस हैं, जिनमें 12 हजार 705 की हालत गंभीर है। US में आधी आबादी का वैक्सीनेशन हो चुका है। अब तक 37 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लगी है। इनमें से 16 करोड़ लोगों को दोनों डोज लग चुकी हैं।

गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है डेल्टा
डेल्टा वैरिएंट का पहला मामला भारत में मिला था। इसे B.1.617.2 के रूप में जाना जाता है। यह गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। एक स्टडी के मुताबिक, डेल्टा वैरिएंट हवा में वायरस की जितनी मात्रा फैलाता है, वो अल्फा की तुलना में 10 गुना अधिक है। वहीं, डेल्टा से संक्रमित व्यक्ति में वायरस की मात्रा वायरस के मूल संस्करण से संक्रमित लोगों की तुलना में एक हजार गुना अधिक है।