राहत:सरकार ने पुरानी कारों में आगे की सीट पर एयरबैग की अनिवार्यता को 4 महीनों के लिए टाला

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(www.arya-tv.com)मौजूदा कार मॉडलों में फ्रंट सीट पर अनिवार्य रूप से ड्यूल एयरबैग लगाने का नियम 4 महीने टल गया है। अभी पुराने मॉडलों में ड्राइवर सीट पर ही एयरबैग अनिवार्य है। दरअसल, वाहन निर्माता संगठन सियाम ने समस यीमा बढ़ाने की मांग की थी। इस पर सरकार ने रियायत देते हुए अनिवार्यता को 31 दिसंबर तक टाल दिया है। हालांकि, नई कारों के मामले में इसके नियम पहले जैसे रहेंगे। 1 अप्रैल से नई कारों में फ्रंट सीट पैसेंजर के लिए अनिवार्य एयरबैग का नियम लागू है।

नई कारों में एयरबैग अनिवार्य
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के नई कारों में एयरबैग मैंडेटरी करने के बाद कार निर्माता कंपनियों ने सभी कारों में ड्राइवर और फ्रंट सीट पैसेंजर के लिए एयरबैग देना शुरू कर दिया है।

एयरबैग से किस तरह सुरक्षा मिलती है?
एयरबैग कॉटन के होते हैं। सिलिकॉन कोटिंग होती है। भीतर सोडियम एजाइड गैस भरी होती है। एयरबैग दो तरह के होते हैं। आईएसआरएस सिस्टम वाले छाते की तरह खुलते हैं और ज्यादा स्थान कवर करते हैं।

वाहनों के लिए एयरबैग क्यों जरूरी है?
भारत में दुनियाभर के 1% वाहन है, लेकिन हादसों में होने वाली मौतों में भारत की हिस्सेदारी 13% है। इसलिए एयरबैग जरूरी किए जाने की मांग की जा रही थी।

एयरबैग कैसे काम करते हैं?
सामने से वाहन से टकराने पर एक सेकंड से भी कम समय में एयरबैग खुलकर यात्री के सिर और सीने को सुरक्षा देते हैं। इससे शरीर डेशबोर्ड से टकराने से बच जाता है। हां, एयरबैग के लिए सीट बेल्ट अनिवार्य होता है। यदि सीट बेल्ट नहीं लगाया है तो एयरबैग ही चोट पहुंचा देते हैं। गर्दन की हड्‌डी टूटने के साथ चेहरे पर चोट लगने की भी आशंका रहेगी।