पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है, ये बताने पर पूरी जिंदगी नजरबंद रहे गैलीलियो

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(www.arya-tv.com)पोलैंड के एक महान खगोलशास्त्री थे – निकोलस कोपरनिकस। उन्होंने आम लोगों में प्रचलित अवधारणा के उलट कहा था कि पृथ्वी सूर्य के आसपास चक्कर लगाती है। इससे पहले माना जाता था कि सूर्य पृथ्वी के आसपास चक्कर लगाता है।

जब कोपरनिकस ने ये थ्योरी दी तो उनका खासा विरोध हुआ। कोपरनिकस के निधन के बाद इटली के महान खगोलशास्त्री और गणितज्ञ गैलीलियो ने भी यही बात दोहराई। गैलीलियो ने अपने प्रयोगों से दुनिया को बताया कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है।

उस समय चर्च और धर्मग्रंथों के हिसाब से पूरी दुनिया में ये अवधारणा प्रचलित थी कि सूर्य पृथ्वी का चक्कर लगाता है। जब गैलीलियो ने इस थ्योरी को सार्वजनिक किया तो चर्च उनके खिलाफ हो गया। उन पर विधर्मी होने के आरोप लगाए गए और अपनी थ्योरी को गणितीय रूप से सिद्ध करने को कहा गया। साथ ही रोमन कैथोलिक चर्च में उनके खिलाफ विधर्म का मुकदमा चलाया गया।

12 अप्रैल 1633 को मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई। गैलीलियो ने खुद के बचाव में तर्क दिया कि जो वे लिख रहे हैं ये उनकी मान्यता नहीं है। वे आम लोगों में चर्चा को बढ़ावा देने के लिए ऐसा लिख रहे हैं और वे खुद भी इस बात पर यकीन नहीं करते।

लेकिन चर्च गैलीलियो के तर्कों से सहमत नहीं हुआ और उन्हें सजा सुनाई गई। 22 जून 1633 को चर्च ने फैसला सुनाते हुए कहा कि “हम (चर्च) न्याय करते हुए घोषणा करते है कि गैलीलियो को विधर्मी होने का दोषी पाया गया है। गैलीलियो का सिद्धांत और मान्यता दैवीय धार्मिक पुस्तकों का अपमान है।”

चर्च ने इस फैसले के साथ गैलीलियो को सजा भी सुनाई। उनकी किताब को बैन कर दिया गया और उन्हें नजरबंद कर दिया गया। साथ ही 3 साल तक हर हफ्ते उन्हें ईश्वर से माफी मांगने के लिए 7 साम्स पढ़ने को कहा गया।

गैलीलियो की बाकी जिंदगी नजरबंदी में ही बीती। 8 जनवरी 1642 को उनका निधन हो गया।

आज गैलीलियो को दुनिया एक बेहतरीन गणितज्ञ और खगोलशास्त्री के तौर पर याद करती है। 31 अक्टूबर 1992 को चर्च ने सार्वजनिक तौर पर अपनी गलती स्वीकारते हुए कहा कि गैलीलियो का सिद्धांत सही था और चर्च से गैलीलियो को समझने में गलती हुई।