भज्जी ने खालिस्तानी का सपोर्ट किया:हरभजन ने खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले को शहीद कहा

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(www.arya-tv.com)भारतीय टीम के स्टार ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया गया। उन्होंने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में मारे गए खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले को शहीद कहा है। हरभजन ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की 37वीं बरसी पर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक स्टोरी शेयर की।

इसमें लिखा, ‘सम्मान के साथ जीना और धर्म के लिए मरना। 1 जून से 6 जून 1984 को सचखंड श्री हरिमंदर साहिब पर शहीद होने वाले सिंह-सिंहनियों की शहादत को प्रणाम।’ हरभजन ने अपनी इंस्टा स्टोरी में भिंडरावाले का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने जो फोटो शेयर की, उसमें खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले की तस्वीर भी थी।

हरभजन ने सोशल मीडिया पर माफी मांगी
हरभजन ने इसके लिए सोशल मीडिया पर माफी मांगी है। उन्होंने लिखा- मैं कल के अपने पो

सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर हरभजन
हरभजन के पोस्ट की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हुई है। सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा है कि हरभजन को भारत में रहने का अधिकार नहीं है। यूजर्स ने उनके खिलाफ FIR दर्ज करने की भी मांग की है। अनामिका यादव नाम की एक यूजर ने लिखा- इस तरह के बयान को लेकर BCCI को तत्काल हरभजन पर कार्रवाई करनी चाहिए। उनके खिलाफ FIR दर्ज होनी चाहिए। हरभजन को जितने अवॉर्ड मिले, वह भी वापस ले लेने चाहिए।

सूरज कौल ने लिखा- हरभजन सिंह ने पहले शाहिद अफरीदी की फाउंडेशन के लिए डोनेशन की अपील की थी। अब वे खालिस्तानी आतंकी, जिसने हजारों लोगों की हत्या की, उसे शहीद कह रहे हैं। यह शर्मनाक है।

भारत भक्त नाम के यूजर्स ने लिखा- मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि जब वर्ल्ड कप में भारत की जीत हुई, तब आप तिरंगा लेकर रोए थे और अभी आप ऐसे व्यक्ति का महिमा मंडन कर रहे हैं, जो देशद्रोही था। आपने अपना सम्मान खो दिया।

क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार?
6 जून, 1984 को देर रात जरनैल सिंह भिंडरावाले (अलगाववादी नेता) की मौत के बाद लाश मिलने पर ऑपरेशन ब्लू स्टार खत्म हो गया था। इसमें 83 सैनिक मारे गए थे, जिसमें 3 सेना के अफसर थे। इस दौरान 492 लोग मारे गए थे, जबकि 248 लोग घायल हुए थे। दरअसल, उस समय पंजाब को भारत से अलग कर ‘खालिस्तान’ राष्ट्र बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी थी। इसलिए इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था।

कौन था जरनैल सिंह भिंडरावाले?

  • जरनैल सिंह भिंडरावाले सिखों की धार्मिक संस्था दमदमी टकसाल का लीडर था। उसकी कट्टर विचारधारा ने लोगों पर गहरा असर डालना शुरू कर दिया था। इसलिए उसे संस्था की कमान सौंपी गई थी।​​​​
  • भिंडरावाले ने गोल्डन टेम्पल परिसर में बने अकाल तख्त में अपना मुख्यालय बना लिया और अकाल तख्त पर कब्जा कर लिया था। इसका विरोध भी हुआ, लेकिन भिंडरावाले ने इसकी चिंता नहीं की और हिंसा का दौर जारी रहा।
  • भिंडरावाले चाहता था कि हिन्दू पंजाब छोड़ कर चले जाएं, जो दिल्ली सरकार को चुनौती थी। इंदिरा गांधी को भी जल्द से जल्द किसी फैसले पर पहुंचना था, क्योंकि उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही थीं।

    सेना ने ऐसे दिया था इस ऑपरेशन को अंजाम

    • इंदिरा गांधी ने 1 जून 1984 के दिन अमृतसर को सेना के हवाले कर दिया और ऑपरेशन ब्लू स्टार शुरू किया। इस ऑपरेशन की कमान मेजर जनरल कुलदीप सिंह बरार को सौंपी गई थी।
    • सेना की 9वीं बटालियन गोल्डन टेम्पल की ओर बढ़ी। इसके बाद 3 जून को पाकिस्तान से लगी सीमा को सील कर दिया गया। ऑपरेशन के दौरान मंदिर परिसर में रह रहे लोगों को बाहर आने के लिए कहा गया, लेकिन 5 जून, 7 बजे तक सिर्फ 129 लोग ही बाहर आए।
    • 5 जून, 1984 को शाम 7 बजे सेना की कार्रवाई शुरू हुई और रात भर दोनों तरफ से गोली बारी हुई। 6 जून को सुबह 5 बज कर 20 मिनट पर ये तय किया गया कि अकालतख्त में छुपे आतंकियों को निकालने के लिए टैंकों को अंदर लाना होगा।
    • इस ऑपरेशन से अकालतख्त को बहुत नुकसान हुआ और 6 जून को भी सुबह से शाम गोली चलती रही। अंत में देर रात सेना को भिंडरावाले की लाश मिली और 7 जून की सुबह ऑपरेशन ब्लू स्टार खत्म हो गया।