(www.arya-tv.com)कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच यूपी सरकार के राजस्व को काफी फायदा हुआ है। बाजार में डेढ़ रुपए वाला मास्क 15 और 17 रुपए वाला एन-95 मास्क 150 रुपए में बेचने वालों पर कार्रवाई नहीं हो रही, लेकिन मास्क नहीं पहनने वालों के चालान जरूर काटे जा रहे हैं। राज्य में अब तक 50 लाख 73 हजार 327 लोगों के चालान काटे गए हैं। इन लोगों से 81 करोड़ 53 लाख 39 हजार 399 रुपए वसूले जा चुके हैं। जबकि लॉकडाउन उल्लंघन के मामलों में पुलिस अब तक 175 करोड़ 17 लाख 94 हजार 865 रुपए जुर्माना वसूल चुकी है।
दवा व्यापार से मिले टैक्स से भी ज्यादा लॉकडाउन उल्लंघन में मिला जुर्माना
डीजीपी मुख्यालय से मिले ये आंकड़े कोरोना की पहली लहर मार्च 2020 से 25 मई 2021 तक के हैं। जानकारों का कहना है कि यह रकम प्रदेश के दवा व्यवसायियों की तरफ से जमा किए गए टैक्स से भी ज्यादा होगी, जो सरकार ने महामारी अधिनियम के तहत वसूली है।
बनारस में चालान और बरेली में सबसे ज्यादा जुर्माना, लखनऊ दूसरे नंबर पर
मास्क न लगाने वालों के सबसे ज्यादा चालान बनारस में काटे गए हैं। कानपुर नगर दूसरे, प्रयागराज तीसरे, लखनऊ चौथे और गाजियाबाद पांचवे नंबर पर है। ऐसे लोगों से सबसे ज्यादा जुर्माना बरेली में वसूला गया। इसके बाद लखनऊ, प्रयागराज, उन्नाव और आगरा का नंबर आता है।
सबसे ज्यादा मुकदमे कुशीनगर में दर्ज किए गए हैं
इसी तरह लॉकडाउन के उल्लंघन में धारा-188 के तहत सबसे ज्यादा मुकदमे कुशीनगर में दर्ज किए गए हैं। देवरिया, बनारस, गोरखपुर और कानपुर नगर इसके बाद आते हैं। सरकार ने किसी भी तरह से महामारी अधिनियम का उल्लंघन करने वालों से सौ रुपए से लेकर दस हजार रुपए तक जुर्माना वसूल करने का नियम बनाया है।
जुर्माने की रकम से राज्य में करीब 40 ऑक्सीजन प्लांट लग सकते हैं
हाईकोर्ट लखनऊ के वरिष्ठ अधिवक्ता वीके सिंह कहते हैं कि यदि जुर्माने में जनता से वसूली गई रकम का इस्तेमाल महामारी से निपटने के लिए की जाए तो काफी सहूलियत होगी। एक ऑक्सीजन प्लांट लगाने में करीब 5 करोड़ का खर्च आता है। इतने रुपयों से प्रदेश 40 से ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा सकते हैं। 100 बेड के सुविधायुक्त 6-7 कोविड अस्पताल बन सकते हैं।