विश्व शक्तियों के साथ बातचीत में शामिल होंगे बाइडेन, परमाणु समझौते को लेकर होगी विशेष वार्ता

पुतिन और बाइडेन 16 जून जिनेवा में पहली बार आमने-सामने बातचीत करेंगे

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(www.arya-tv.com)अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडेन पहली बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। 16 जून को यह मुलाकात जिनेवा में होगी। व्हाइट हाउस ने मंगलवार को इसकी पुष्टि कर दी। दोनों देशों के बीच, लंबे वक्त से कई मुद्दों पर तनाव चल रहा है। इसमें सबसे ज्यादा अहम अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस की खुफिया एजेंसियों की दखलंदाजी का है। अमेरिकी विदेश विभाग रूस पर सार्वजनिक तौर पर आरोप लगा चुका है।

सभी मुद्दों पर बातचीत होगी
बाइडेन और पुतिन की मीटिंग को लेकर कई हफ्तों से कयास लगाए जा रहे थे। मंगलवार को व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने 16 जून की मुलाकात पर मुहर लगा दी। दोनों नेता स्विटजरलैंड के जिनेवा में बातचीत करेंगे।

साकी ने कहा- मीटिंग के दौरान सभी मुद्दों पर बातचीत होगी। और वो मुद्दे कौन से हैं, इसकी जानकारी सभी को है। हम चाहते हैं कि रूस और अमेरिका के रिश्तों में सुधार हो और ग्लोबल इश्यूज पर हम सहयोग करें।

आमने-सामने पहली मुलाकात
क्लाइमेट चेंज और जी-20 की मीटिंग में दोनों वर्चुअली शामिल हुए थे। लेकिन, ये पहली बार होगा कि दोनों देशों के राष्ट्रपति आमने-सामने बातचीत करेंगे। अमेरिकी विदेश विभाग ने फरवरी में कहा था कि आंतरिक सुरक्षा के लिए रूस सबसे बड़ा खतरा है। इसके बाद चीन, ईरान और नॉर्थ कोरिया का नाम भी लिया गया था।

डोनाल्ड ट्रम्प और इसके पहले ओबामा के दौर में रूस से रिश्ते सुधारने की कोशिश की गई थी, लेकिन इसमें ज्यादा कामयाबी नहीं मिली थी। कुछ मौकों पर बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी ने ट्रम्प पर आरोप लगाए थे कि वे चुनाव जीतने के लिए रूस की मदद ले रहे हैं।

बाइडेन जल्द मिलना चाहते थे
बाइडेन ने पिछले महीने पुतिन से फोन पर बातचीत की थी। इस दौरान उन्होंने आमने-सामने बातचीत का प्रस्ताव रखा था। इसे पुतिन ने स्वीकार कर लिया था। इसके बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई। इसी मुलाकात के बाद यह तय हो गया कि बाइडेन और पुतिन जल्द मिलेंगे।

रूस पर गंभीर आरोप
अमेरिका ने कई बार कहा है कि रूस उसके आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश कर रहा है। इतना ही नहीं खुद बाइडेन ने दिसंबर में कहा था- रूस ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में दखल देने की कोशिश की थी। अप्रैल में अमेरिका ने रूस के 10 डिप्लोमैट्स को उनके देश वापस भेज दिया। इसके बाद 30 और रूसियों को अमेरिका से निकाल दिया गया था। रूस पर आरोप है कि उसने अमेरिका की बड़ी जांच एजेंसियों का डाटा हैक करने की साजिश रची। रूस अब तक इन तमाम आरोपों को नकारता आया है।