प्रधान अवधेश चौरसिया को गोली मारने वाला मुख्य अभियुक्त पूर्व प्रधान वेद प्रकाश यादव अभी भी पुलिस की पकड़ के बाहर, छह अन्य साथी गिरफ्तार

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  • प्रधान अवधेश चौरसिया को गोली मारने वाला मुख्य अभियुक्त पूर्व प्रधान वेद प्रकाश यादव अभी भी पुलिस की पकड़ के बाहर, छह अन्य साथी गिरफ्तार

(www.arya-tv.com)प्रधान को गोली मारने के मामले में छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गांव की कहावत कही गयी है कि मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है। यही इस घटना में भी हुआ। अपराधियों ने जाल तो ऐसा बुना था कि प्रधान की मृत्यु निश्चित थी पर भगवान ने साथ ​दिया तो बच गये। अपराधियों ने सारे सास्ते पहले से ही बंद कर योजनाबद्ध तरीके से घातक हमला किया पर अवधेश और उनके भतीजे की फुर्ती से अपराधी सीधे खोपड़ी में गोली नहीं मार सके। जबकि योजना थी कि सीधे खोपड़ी मेें ही गोली मारी जाऐगी। पर गोली हाथ से होते हुए सीने के पीछे चली गयी। फिलहार अब अवधेश की जान बच गयी हैं और खतरे से खाली हैं। इलाज लखनऊ के मेडिकल कालेज में चल रहा है।

  • मुख्य अभियुक्त वेद प्रकाश यादव उसका दूसरा भाई सुभाष यादव और साथी अभिषेक यादव अभी की पुलिस की पकड़ के बाहर, लखनऊ से लगा रहे जुगाड़

घटना का पूरा ताना बाना बुनने वाले मुख्य अभियुक्त वेद प्रकाश यादव अपने दूसरे भाई सुभाष यादव के साथ अभी भी कहीं गुप्त स्थान पर छुपा हुआ है। सूत्रों की माने तो वह लखनऊ में कुछ प्रभावशाली लोगोें के संपर्क कर मामले को दबाने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही इसका दूसरा भाई सुभाष यादव भी उसी के साथ है। पुलिस की माने तो जल्द ही वेद यादव,सुभाष यादव और अभिषेक यादव को पकड़ लिया जायेगा।

  • कौन कौन अपराधी पकड़ा गया

संतोष उर्फ विजेन्द्र प्रताप यादव पुत्र राम खेलावन यादव निवासी ग्राम दरेहटा मौरांवा उन्नाव,अनिल तेली पुत्र राम आसरे निवासी मौरांवा उन्नाव ,विमलेश यादव पुत्र फूल चन्द्र निवासी हंस खेड़ा पारा लखनऊ, मान सिंह पुत्र स्व.राम सेवक निवासी चुन्नू खेड़ा पारा लखनऊ, अकबाल यादव पुत्र लक्ष्मी नारायण निवासी सुब्बा खेड़ा थाना पुरवा उन्नाव , शत्रोहन पुत्र राम आसरे निवासी पुरवा उन्नाव को गिरफ्तार किया गया है। इसमें दो आरोपी है और अन्य चार वह लोगा हैं जिन्होंने इनको शरण दी थी।

  • क्या है पूरा मामला

वर्तमान प्रधान अवधेश चौरसिया के जीतने के बाद से ही पूर्व प्रधान वेद प्रकाश यादव ने अवधेश को रास्ते से हटाने की योजना बनाना शुरू कर दिया था और मौका देखकर जब अवधेश किसी के घर से वापस आ रहे थे तभी योजना के अनुसार तीनों रास्ते पर बंध लगाकर जानलेवा हमला कर दिया जिसमें अवधेश के गोली लगी और मामला गंभीर हो गया। वेद ने सोचा था कि अगर अवधेश रास्ते से हट जाता है तो आगे का रास्ता साफ होगा। वहां के लोग बताते हैं कि इससे पहले चुनाव में अवधेश ने वेद को पूरा समर्थन किया था और अवधेश के बल पह ही वह प्रधान बना था। इस बार गांव वालों के कहने पर अवधेश ने भाग्य आजमाया और वह विजेता बने। इसी के बाद से ही वेद ने उनको रास्ते से हटाने की योजना बनाई। फिलहार वेद अभी डर के मारे कहीं गुप्त स्थान पर छिप हुआ है।