ईद पर दूसरे वर्ष मस्जिदें रहीं सूनी:घरों में ही अदा की गई ईद की नमाज

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(www.arya-tv.com)पवित्र रमजान के पूरे 30 रोजों के बाद गुरुवार को आसमान पर ईद के चांद का दीदार हुआ। शुक्रवार को ईद का त्योहार था। इस दिन मुस्लिम समाज ईदगाह और मस्जिदों में ईद की नमाज अदा करता है। लेकिन ये दूसरा साल है जब कोरोना महामारी के चलते ईद की नमाज लोगों ने घर पर अदा की और मस्जिदें सुनी रही। वहीं सुल्तानपुर की खैराबाद स्थित मस्जिद के मौलाना मोहम्मद असकरी ने कहा कि मुल्क के कानून की पाबंदी करना हम सबके लिए जरूरी है। महामारी में सब अपने घर में रहकर ईद की खुशियां मनाएं।

सुलतानपुर में जिला प्रशासन शासन के निर्देश पर पूरी तरह मुस्तैद था। दो दिन पूर्व ही जिला प्रशासन ने उलेमाओं और संभ्रांत व्याक्तियों के साथ मीटिंग कर अपील की थी कि लोगों से कहें कि घरों में ही नमाज अदा करें। प्रशासन का कहना था कि इससे सोशल डिस्टेंसिंग तार-तार होने से बचेगी और हम कोरोना से लड़ने में सक्षम रहेंगे। इसी के तहत गुरुवार शाम और शुक्रवार सुबह मस्जिदों से ऐलान हुआ कि सभी अपने अपने घरों में ईद की नमाज अदा करें।

सैकड़ा मस्जिद और ईदगाह सुनी रही
जिसके बाद शहर की करीब एक सैकड़ा मस्जिद और ईदगाह सुनी रही। सुबह से ही मुस्लिम समाज के लोगों ने अपने-अपने घरों पर ईद की नमाज अदा की। कोरोना महामारी से हुए विनाश को देखते हुए बड़ी संख्या में लोगों ने ईद के मौके पर नए कपड़े तक नहीं पहने। वहीं डीएम रवीश गुप्ता, एसपी विपिन मिश्रा ने सभी को ईद की मुबारकबाद दिया साथ ही प्रशासन का सहयोग करने के लिए धन्यवाद भी दिया।

खैराबाद स्थित मस्जिद मीर बंदे हसन के पेश नमाज मौलाना मोहम्मद असकरी ने कहा कि मुल्क के कानून की पाबंदी करना हम सबके लिए जरूरी है। खुद पैग़म्बर मोहम्मद की हदीस है। वतन की मोहब्बत निस्फ (आधा) ईमान है। ऐसे में जब वबा (महामारी) चल रही है। सरकार उसके लिए प्रोटोकॉल लाई है तो उसे मानना चाहिए। जिंदगी रहेगी तो आने वाले सालों में पूर्व की तरह मस्जिदों में ही ईद की नमाज अदा की जाएगी। उन्होंने कहा कि अपने घरों में नमाज पढ़े और दुआ (प्रार्थना) करें की खुदा पूरे मुल्क को इस महामारी से निजात दे दे।