कातिल कौन के फॉर्मूले में फंसी फिल्म, मनोज बाजपेयी ने दिया ये बयान

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(www.arya-tv.com) 27 साल हो गए हैं मनोज बाजपेयी को पहली बार बड़े परदे पर दिखे हुए। तब से वह सिनेमा को हर पल जी रहे हैं। सिनेमा उनका जलवा बनाता रहा है। बिहार का लाला देश का दुलारा अभिनेता है। सरकार ने हाल ही में उन्हें फिल्म ‘भोसले’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया है।

मुंबई की गलियों में बंटने वाले दादा साहेब फाल्के फिल्म फेस्टिवल पुरस्कार पाकर लहालोट हो जाने वाले कलाकार इस सम्मान का मोल कभी शायद ही समझ पाएं लेकिन मनोज ऐसा तीन बार कर चुके हैं। सिनेमा में काम करने वालों के लिए उनकी हर नई फिल्म एक सबक है, सिनेमा को बेहतर करने और खुद को दो कदम और आगे ले जाने के लिए।

अबन भरूचा देवहंस सिनेमा का जाना पहचाना नाम नहीं है। लेकिन, उनकी फिल्म ‘साइलेंस, कैन यू हियर इट’ देखकर लगता है कि उनमें प्रतिभा बहुत है और अच्छी पटकथाओं पर वह काम करें तो एक बेहतरीन फिल्म निर्देशक के दौर पर वह खुद को हिंदी सिनेमा में स्थापित कर सकती हैं।

फिल्म ‘साइलेंस, कैन यू हियर इट’ आओ, कातिल का पता लगाएं तरह की फिल्म है। अंग्रेजी में जिसे कहते हैं ‘हू डन इट’। विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म ‘खामोश’ को मैं इस तरह की हिंदी फिल्मों की कसौटी मानता हूं।

क्या कोई सस्पेंस थ्रिलर आखिर तक दर्शकों को सीट के कोने पर बैठे रहने के लिए बाध्य कर सकती है, क्या इसके कलाकार सामान्य दिखते हुए भी किस्सों में नाटकीयता ला सकते हैं और क्या फिल्म की तकनीकी टीम भी उसी तरंगदैर्ध्य पर काम कर रही है जिस पर निर्देशक की मेधा है? फिल्म ‘साइलेंस, कैन यू हियर इट’ इन कसौटियों पर कसे जाने के लिए शायद बनी नहीं है।

अबन को लोग अभिनेत्री के तौर पर ज्यादा पहचानते हैं। बतौर निर्देशक वह ‘टी स्पून’ बना चुकी हैं। अपनी नई फिल्म में वह कातिल कौन श्रेणी की एक औसत सी पटकथा लिख पाई हैं जिसमें उनका पूरा ध्यान कातिल की पहचान आखिर तक उजागर न होने देने पर है।