टीम इंडिया की हार का एनालिसिस:छठे गेंदबाज का विकल्प न होना भी भारी पड़ा

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(www.arya-tv.com)इंग्लैंड ने दूसरे वनडे मैच में टीम इंडिया को छह विकेट से हराकर तीन मैचों की सीरीज में 1-1 से बराबरी हासिल कर ली। जॉनी बेयरस्टो और बेन स्टोक्स की पावर हिटिंग के आगे भारत का 336 रन का स्कोर साधारण नजर आया। भारतीय टीम की करारी हार के पीछे बल्लेबाजी में टीम का धीमा अप्रोच, स्पिनर्स की विफलता, छठे गेंदबाज का ऑप्शन न होना सहित 6 अहम फैक्टर रहे। चलिए उन सभी फैक्टर्स को एक-एक कर जानते हैं…

6. सही टारगेट का अंदाजा नहीं लगा सकी टीम इंडिया
वनडे क्रिकेट में आम तौर पर 325 रन से ऊपर का टोटल विनिंग टोटल माना जाता है, लेकिन यह बात मौजूदा वर्ल्ड चैम्पियन इंग्लैंड के ऊपर लागू नहीं होती है। इंग्लैंड की टीम भले ही पहले वनडे में चोक कर गई हो, लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि उस मैच में भी एक समय 14 ओवर में उसका स्कोर 135 रन हो गया था। इंग्लैंड की टीम हाल-फिलहाल 300 रन से ऊपर का टारगेट चेज करने में दुनिया की सबसे सफल टीम है।

5. सब कुछ अंत के भरोसे छोड़ने की गलती
भारतीय टीम ने लगातार दूसरे मैच में शुरुआती 30-35 ओवर में संभलकर बल्लेबाजी करने और विकेट बचाने को तरजीह दी। 35 ओवर में भारत का स्कोर 173/3 था। इस कारण आखिरी 15 ओवरों में 163 रन जोड़ने के बावजूद भारत 336 रन तक ही पहुंच सका। दूसरी ओर इंग्लैंड ने अपने पहले 35 ओवर में 281 रन बना लिए थे। भारत की तुलना में 62% ज्यादा। इंग्लैंड की टीम शुरुआत से पावर हिटिंग करती है, लिहाजा उसे बड़ा स्कोर चेज करने में भी खास दिक्कत नहीं होती है।

4. दोनों स्पिनर्स का फेल होना

भारतीय टीम पहले वनडे की तरह इस मुकाबले में भी कुलदीप यादव और क्रुणाल पंड्या के साथ उतरी, लेकिन ये दोनों बुरी तरह फेल हुए। कुलदीप ने 10 ओवर में 84 रन दिए। वहीं, क्रुणाल ने 6 ओवर में 72 रन दिए। ये दोनों एक भी विकेट नहीं ले पाए। दोनों स्पिनर्स का एक साथ फेल होना भारतीय टीम पर भारी पड़ा।

3. छठे गेंदबाज का विकल्प न होना
भारतीय टीम में हार्दिक पंड्या शामिल थे, लेकिन उन्होंने गेंदबाजी नहीं की। बाद में कप्तान विराट कोहली ने कहा कि टीम मैनेजमेंट पंड्या को भविष्य के लिए फिट रखना चाह रहा है इसलिए उन पर वर्क लोड मैनेज किया जा रहा है। इससे भारत के पास छठे गेंदबाज का विकल्प नहीं था और जो गेंदबाज पिटाई खा रहे थे, उन्हीं से गेंदबाजी करवाना टीम की मजबूरी थी।