खुद तैयार करें पौधे की खाद, जानिए घर में खाद तैयार करने के टिप्स बागवानी विशेषज्ञ से

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(www.arya-tv.com)जिस तरह मनुष्य और अन्य प्राणियों को जीवित रहने और वृद्धि के लिए भोजन जरूरी होता है, उसी तरह पौधों को भी वृद्धि और उत्पादन के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों के अभाव में पौधों की वृद्धि रुक जाती है और पैदावार में कमी आ जाती है। ऐसे में पौधों को घर की बनी खाद दें। खाद कितने प्रकार की होती हैं और इन्हें कैसे तैयार कर सकते हैं, इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं आरएस यादव…।

1.कम्पोस्ट खाद– घर, रसोई और बगीचे के व्यर्थ पदार्थों को सड़ा-गला कर बनाई जाने वाली खाद होती है कम्पोस्ट खाद। पत्तियों, टहनियों, पेड़-पौधों के अवशेष, ठूंठ, जड़ें, फल, सब्जियों के व्यर्थ हिस्सों को कम्पोस्ट के लिए तैयार गड्ढे में डालते हैं और बंद कर देते हैं, जिससे ये सड़-गलकर खाद में बदल जाते हैं।

2.गोबर की खाद– इसे मवेशियों, भेड़-बकरी, घोड़े या मुर्गी आदि के गोबर को सड़ा-गला कर बनाया जाता है। यह एक पूर्ण खाद होती है, जिसमें जीवांश भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं और नाइट्रोजन युक्त होते हैं। उपरोक्त गोबर को कभी भी ताजा उपयोग में नहीं लाना चाहिए, क्योंकि इससे पौधे मर भी सकते हैं और उनमें दीमक का प्रकोप भी हो सकता है।

3.पत्ती की खाद या लीफ मोल्ड- बसंत ऋतु के मौसम में आसपास लगे पेड़ों से पत्तियां अधिक मात्रा में गिरती हैं, उन पत्तियों को इकट्ठा कर और बगीचे में निकलने वाले पौधों या घास आदि को सड़ा-गला कर पत्ती की खाद बनाई जाती है। यह खाद जैवांश की धनी है यानी कि पोषक तत्वों से भरपूर। गमलों के लिए मिट्टी बनाने में बहुत उपयोगी होती है।

4.हड्डी की खाद– ये 4 से 5 प्रतिशत नाइट्रोजन और 20-25 प्रतिशत फास्फोरस युक्त चूरेदार धीमी क्रिया करने वाली खाद होती है। यह नाजुक और धीमी बढ़वार वाले पौधों के लिए अच्छी खाद होती है।

5.खली की खाद– खली की खाद को घोल के रूप में पौधों को दिया जाता है। 250 ग्राम सरसों की खली को 2 लीटर पानी में गला लें। करीब 5 दिन बाद इस खली के घोल को पौधों की जड़ों में डालें, इससे पौधों की बढ़वार अच्छी होगी।

6.उर्वरक भी जरूरी है– उर्वरक का उपयोग मिट्टी में उर्वरता में सुधार लाने और उत्पादकता में बढ़ोतरी लाने के लिए किया जाता है। इसमें पौधों के कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते है जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटैशियम आदि। इसे डालने से पौधों की अच्छी वृद्धि होती है और ये स्वस्थ रहते हैं। आप अपने घर के बगीचे और पौधों में इसे डाल सकते हैं।

7.नाइट्रोजन देने वाले उर्वरक– पौधों के हरे भागों की वृद्धि में और सब्जियों को गूदेदार बनाने में सहायक होते हैं जैसे कि यूरिया।

8.फास्फोरस देने वाले उर्वरक– जड़ों के विकास, रोग प्रतिरोधकता बढ़ाने, कंद और फली निर्माण, गुणवत्ता सुधार और परिपक्वता में सहायक होता है जैसे सुपरफास्फेट।

9.पोटाश – भूमिगत पौधों या फसलों के विकास के लिए यह उर्वरक आवश्यक होता है, जैसे पोटैशियम सल्फेट, म्यूरेट ऑफ पोटाश।