वाराणसी (www.arya-tv.com) बीएचयू के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि सिंह द्वार 24 घंटे तक बंद कर दिया गया हो। देर रात गेट पर बैठे छात्रों ने दोनों मिनी गेट भी बंद कर दिए। इससे सुबह-सुबह जो जागिंग करने वाले लोगों का खासा दिक्कतें हुईं। हालांकि एंबुलेंस को नहीं रोका जा रहा है। छात्र विश्वविद्यालय खोलने की मांग पर 24 घंटे से कायम हैं। छात्रों ने चेतावनी दी है कि अभी यह आंदोलन और लंबा और तेज चलने वाला है।
जल्द बीएचयू नहीं खुला तो ऐसे ही सब कुछ बंद रहेगा। सोमवार सुबह 10 बजे से ही पहले और दूसरे वर्ष के छात्र बीएचयू के मुख्य द्वार को रोककर धरने पर बैठे हैं, कि उनके लिए भी बीएचयू खोल दिया जाए। बीएचयू सिंह द्वार बंद होने से बच्चों और मरीजों को कल खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सोमवार सुबह सिंह द्वार के किनारे के दोनोंं छोटे गेट खुले थे वे भी बाद में बंद हो गए। इससे एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाओं के लिए स्थिति काफी मुश्किल हो गई। हालांकि, कुछ छात्रों ने जरूर मदद की मगर पूरे दिन आम आदमी हलकान रहे।
बीएचयू ने कहा चरणबद्ध तरीका छात्र हित में
बीएचयू ने बयान जारी कर कहा है कि विश्वविद्यालय का चरणबद्ध तरीके से खुलना ही छात्र हित में है। मुख्य द्वार पर आवागमन बाधित कर रहे छात्रों द्वारा रास्ता बंद करने से आमजन और अस्पताल में आने वाले मरीजों को काफी असुविधा हुई है। छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। इसलिए छात्रों के हित में भारत सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए विश्वविद्यालय को चरणबद्ध तरीके से खोलने का निर्णय लिया गया। भविष्य में भी स्थिति सुधरने पर कोई विचार किया जाएगा। छात्र-छात्राओं से अपील की जाती है कि वे विश्वविद्यालय के शैक्षणिक वातावरण को बनाए और दूर-दराज से इलाज के लिए आने वाले मरीजों का भी ध्यान रखे।
छात्र बोले अब चरणबद्ध मंजूर नहीं, लगाया अनलॉक बीएचयू का पोस्टर
महामारी के 11 महीने बीतने के बाद सोमवार को जब अपने अध्येताओं के लिए बीएचयू खुला, तो उनके स्वागत के लिए सिंह द्वार से आवागमन ठप हो गया। अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए विश्वविद्यालय जब खुला तो पहले और दूसरे वर्ष के छात्र मुख्य द्वार घेरकर धरने पर बैठ गए और उनकी भी कक्षाएं अब चले यह मांग करने लगे। चरणबद्ध नहीं बल्कि अब एक बार में पूर्णत: बीएचयू खोला जाए। गेट के बाहर खड़ी पुलिस फोर्स और उनके सामने करीब दो सौ की संख्या में पहुंचे छात्रों ने अपनी मांग जाहिर करते हुए आवागमन बाधित कर दी। बगल वाले दोनों गेट को छात्रों ने बंद करने का प्रयास किया, तो प्राक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मी उन्हें रोकन लगे। मौके पर आए डिप्टी चीफ प्राक्टर प्रो. बी सी कापरी दोनों छोटे द्वारों को बंद करने नहीं दिया। इससे वहां छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच गहमागहमी और धक्का-मुक्की भी हुई। देखते-देखते करीब तीन सौ से ज्यादा छात्र जुट गए और मुख्य द्वार पर अनलाक बीएचयू जैसे बड़े-बड़े पोस्टर और बैनर टांग दिए गए। पूरे दिन लंका पर इस धरने के कारण पूरी ट्रैफिक व्यवस्था ठप हो गई। धरने का असर भले ही कुलपति आवास और सेंट्रल आफिस तक न हुआ हो, मगर लंका क्षेत्र में इससे जबरदस्त जाम लगा रहा। दोपहर के बाद तो दोनों छोटे गेट बीच-बीच में बंद होते रहे। इस दौरान कई संगठनों और कक्षाओं के छात्र थे।
मोबाइल नहीं ले सकता कैंपस की जगह
छात्रों ने आनलाइन पढ़ाई को ढोंग बताते हुए कहा कि महामना की तेईस सौ एकड़ की जगह पांच इंच का मोबाइल डिस्प्ले नहीं ले सकता। आनलाइन शिक्षा के नाम पर छात्रों को गुमराह किया का रहा है।
टाइम टेबल नहीं हुआ जारी
बीएचयू खुलने से पहले फाइनल इयर वाले छात्रों का टाइम टेबल जारी होने वाला था, मगर बीएचयू ने उसे अब तक जारी नहीं किया है। छात्रों ने कहा कि इसे लिए अब तक कोई सूचना भी प्रशासन ने नहीं जारी किया है, इसलिए वे भी बड़ी संख्या में धरनारत हैं। छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि मांगे नहीं मानी गईं तो अब आंदोलन का दायरा बढ़ेगा।