गैंग शूटर गिरधारी का एनकाउंटर, इस तरह हुआ एनकाउंटर

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वाराणसी(www.arya-tv.com) डी-11 गैंग का बदमाश गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ कन्हैया उर्फ डॉक्टर सोमवार तड़के लखनऊ के विभूतिखंड थाना क्षेत्र में मुठभेड़ में मारा गया।

गिरधारी के मारे जाने के साथ ही यह माना जा रहा है कि वाराणसी के सारनाथ थाने के हिस्ट्रीशीटर नितेश सिंह उर्फ बबलू की हत्या राज बन कर रह जाएगी। इसके साथ ही यह भी नहीं पता लग पाएगा कि मऊ के मुहम्मदाबादगोहना के पूर्व ज्येष्ठ उप प्रमुख अजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने में ध्रुव सिंह और कुंटू सिंह के अलावा कौन सफेदपोश शामिल थे।

चोलापुर थाने के लखनपुर का मूल निवासी गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ कन्हैया उर्फ डॉक्टर उर्फ टग्गर वर्ष 2001 से जरायम जगत में सक्रिय है। वर्ष 2001 में गिरधारी के खिलाफ लूट का पहला मुकदमा दर्ज किया गया था।

इसके बाद रंगदारी, लूट और हत्या जैसी गंभीर किस्म की आपराधिक घटनाओं को लेकर चोलापुर थाने के हिस्ट्रीशीटर गिरधारी का आतंक वाराणसी के साथ ही मऊ, आजमगढ़, जौनपुर और मुंबई तक था। पुलिस डोजियर के अनुसार गिरधारी पर 23 मुकदमे दर्ज थे।

30 सितंबर 2019 को शिवपुर स्थित सदर तहसील में नीतेश सिंह उर्फ बबलू की दिनदहाड़े हत्या की गई थी। तभी से गिरधारी फरार चल रहा था। इसके बाद छह जनवरी 2021 को लखनऊ के विभूतिखंड क्षेत्र में अजीत सिंह की हत्या में गिरधारी का नाम आया।

11 जनवरी 2021 को नई दिल्ली में एक नाटकीय घटनाक्रम में गिरधारी गिरफ्तार किया गया था। लखनऊ पुलिस अदालत की अनुमति से उसे नई दिल्ली से पुलिस कस्टडी रिमांड पर पूछताछ के लिए लाई थी। इधर नितेश की हत्या के संबंध में पूछताछ के लिए वाराणसी की पुलिस भी लखनऊ गई थी। पूछताछ जारी ही थी कि सोमवार की भोर पुलिस अभिरक्षा से गिरधारी ने भागने का प्रयास किया और मुठभेड़ में मारा गया।