(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश के गोरखरपुर जिले में पिछले दस साल में लूट, डकैती, चोरी जैसी वारदात में जेल भेजे गए बदमाशों का पुलिस सत्यापन करेगी। पुलिस उनके घर जाकर उनके कामों के बारे में जानकारी जुटाएगी।
अगर वास्तव में वे सुधर गए हैं और कोई रोजगार, नौकरी कर जीवन यापन कर रहे हैं तो पुलिस सिर्फ उनकी निगरानी करेगी। वहीं जेल से बाहर आए बदमाशों ने दोबारा वारदात की तो उनपर कार्रवाई के साथ ही थानेदार की सीधी जिम्मेदारी मानी जाएगी और उन पर कड़ी कार्रवाई भी होगी।
इस संबंध में डीआईजी/एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने सभी सीओ को आदेश जारी कर दिया है। उनके इस आदेश पर कई थाना क्षेत्रों में काम भी शुरू हो गया है। जानकारी के मुताबिक, शाहपुर इलाके में शिक्षिका हत्याकांड में त्रिभुवन सिंह के पकड़े जाने का मामला हो फिर दवा व्यापारी हत्याकांड में शूटर के पकड़े जाने की घटना हो।
पिछले कई मामलों में जेल से छूटे बदमाश दोबारा वारदात करते दबोचे गए हैं। इससे साफ हो गया था कि पुलिस की निगरानी पूरी तरह से बंद हो गई है जिस वजह से वह गैंगस्टर या फिर दूसरे मामले में आरोपी होने के बावजूद जेल से बाहर आने पर दोबारा वारदात को अंजाम दे रहे हैं।
इसे देखते हुए ही एसएसपी ने सख्ती बरती है और तय किया है कि जिले में इस तरह के बदमाशों का सत्यापन पुलिस उनके घर जाकर करेगी। उनके काम के बारे में जानेगी और जरूरत पड़ी तो बैंक एकाउंट और रहन सहन के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी।
ताकि यह पता चल सके कि जमानत पर रिहा होने के बाद वह दोबारा अपराध की राह पर है या नहीं। अगर वह दोबारा अपराध की राह पर होगा तो पुलिस कार्रवाई करेगी नहीं तो सिर्फ उसकी निगरानी ही की जाएगी, पुलिस उन्हें परेशान नहीं करेगी।