बरेली(www.arya-tv.com) आइटीआर फैक्ट्री के लंकाशायर बॉयलरों की जांच शुरू होते ही खुद को सत्ता में रहे पूर्व बाहुबली मंत्री का रिश्तेदार (साला) बताते हुए एक नेता पुलिस ऑफिस पहुंचे। अचानक उत्तराखंड से आइटीआर फैक्ट्री के बायलर का कनेक्शन जुड़ते देख अधिकारी भी हैरान थे।
नेता मुलाकात में पूर्व मंत्री से अपने कनेक्शन ही खोलते रहे, लेकिन बाहुबली पूर्व मंत्री के नाम की चर्चा इसलिए खास रही, क्योंकि उन्हीं के संरक्षण में सुपीरियर इंडस्ट्रीज के प्रबंधक ने टेंडर अपने नाम किया था। उत्तराखंड से नेता के आने की टाइमिंग भी सटीक रही, क्योंकि उसी समय सुपीरियर इंडस्ट्री लि. के निदेशक अमित महर्षि भी पुलिस ऑफिस में आकर अपने दस्तावेज सौंप रहे थे।
वहीं, पुलिस की छानबीन में सामने आ चुका है कि टेंडर की कापी में लंकाशायर बॉयलर भले ही दिखाए गए हों लेकिन कंपनी के एग्रीमेंट में बॉयलरों का जिक्र नहीं है। प्रकाशित विज्ञापन में भी इस बाबत कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में पुलिस आइटीआर के पूर्व कारखाना प्रबंधक केबी अग्रवाल से दस्तावेज तलब कर रही है। उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए भी बुलाया गया है। वही सुपीरियर इंडस्ट्री के प्रबंधन का दावा है कि विजिलेंस जांच से इतर उनके पास खरीदफरोख्त के पूरे दस्तावेज हैं। सीबीगंज इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह ने उन्हें भी दस्तावेज के साथ बुलाया है।