मालवा से निकली गेहूं की दो प्रजातियां, केंद्र सरकार ने लगाई गुहार  

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इंदौर।(www.arya-tv.com) मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र से गेहूं की दो जुड़वा किस्में निकली हैं। जल्द ही ये देश के गेहूं उत्पादक राज्यों के खेतों में लहलहाती दिखाई देंगी। एक का नाम पूसा-अहिल्या है तो दूसरी का नाम पूसा-वाणी। बीज रूप में दोनों के माता-पिता एक ही हैं। जिस तरह एक ही माता-पिता की दो संतानें रूप और गुण में हमेशा एक-सी नहीं होती उसी तरह अहिल्या और वाणी में कुछ अंतर है।

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अहिल्या का विकास मध्यभारत की जलवायु के हिसाब से किया गया है तो वाणी को प्रायद्वीपीय (समुद्र तट) राज्यों की जलवायु के अनुूल बनाया गया है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के इंदौर स्थित क्षेत्रीय गेहूं अनुसंधान केंद्र ने इन दोनों प्रजातियों को विकसित किया है। इन प्रजातियों का मातृ बीज गुजरात और पितृ बीज पंजाब से लेकर इनकी क्रासिंग कराई गई है। एक पूसा-वाणी का वैज्ञानिक नाम एचआइ-1633 है तो पूसा-अहिल्या को एचआई-1634 है। किसानों के लिए यह खुशी का समय है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में अपने गजट में प्रकाशित कर इनहें मान्यता दी है।