(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार सुबह व्यापारी अविनाश कुमार सिंह का शव पेड़ से लटकता मिला था। वह एक दिन पहले शनिवार से लापता था। पुलिस इसे सुसाइड केस मान रही थी। जबकि परिवारीजन हत्या करार दे रहे थे। सोमवार को जब व्यापारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो परिजनों की आशंका सच साबित हो गई। व्यापारी को गला दबाकर मारा गया था। इसके बाद उसे पेड़ पर टांग दिया गया था। व्यापारी की कमर पर भी चोट के निशान मिले हैं।
अब पुलिस मृतक के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल के आधार पर हत्यारों की तलाश में जुट गई है। पुलिस फैक्ट्री के बाहर लगे CCTV को भी खंगाला है। जिससे उनके निकलने में और उनसे मिलने आने वाले लोगों की तलाश कर रही है।
क्या है पूरा मामला?
सरोजनीनगर के दरोगाखेड़ा में फैक्ट्री चलाने वाले अविनाश सिंह (38) का शव रविवार सुबह दरोगाखेड़ा के जंगल में पेड़ से लटकता मिला था। पत्नी ने शनिवार देर रात उनके गुमशुदगी की तहरीर पीजीआई थाने में दी थी। मूलरूप से सोनभद्र के ओबरा निवासी अविनाश सिंह वृंदावन सेक्टर-4 में परिवार सहित रहते थे। परिवार में पत्नी निधि कटियार और पांच महीने का मासूम बेटा के अलावा माता-पिता हैं। अविनाश ने सरोजनीनगर के औद्योगिक क्षेत्र में नेक्स्ट जेन फूड प्रोडक्ट के नाम से नमकीन की फैक्ट्री लगा रखी है।
जिसमें अविनाश के साथ सरोजनीनगर के कृष्णा लोक कालोनी निवासी संस्कार और राजस्थान के कोटा निवासी विकास साझीदार हैं। कंपनी को वर्ष 2007 से तीनों लोग साझीदारी में चला रहे हैं। अविनाश की पत्नी निधि कटियार के मुताबिक अविनाश रोज की तरह अपनी कार से शनिवार को भी सुबह करीब 8 बजे घर से फैक्ट्री गए थे। शाम करीब 6:15 बजे अविनाश ने फोन कर अपनी पत्नी निधि को घर पहुंचने के लिए फैक्ट्री से निकलने की बात बताई। लेकिन 8 बजे तक घर नहीं पहुंचे थे।
अखिलेश यादव ने उठाए थे कानून व्यवस्था पर सवाल
इस प्रकरण में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया के जरिए उत्तर प्रदेश व राजधानी लखनऊ की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। उन्होंने लिखा कि कल से एक व्यापारी के लापता होने की खबर ने कारोबारियों को भयभीत कर दिया है। भाजपा सरकार सच्ची मांगों पर किसानों को भी उत्पीड़ित कर रही है और सच बोलने पर पत्रकारों को भी। उप्र में पुलिस कमिश्नर की नयी प्रणाली कानून-व्यवस्था के मामले में पूरी तरह फेल है।