(www.arya-tv.com)ग्वालियर में घटना और FIR दतिया में’ कांड हाल में चर्चा में रहा। ग्वालियर-दतिया के बीच फंसा शुभम अभी तक जेल में है। ग्वालियर और दतिया के दो टीआई की मिलीभगत की सजा उसे भुगतनी पड़ रही है। मामले में दोनों टीआई अभी लाइन अटैच हैं। साथ ही, तथाकथित आरोपी शुभम के परिजन के बयान सोमवार को हो गए हैं। परिजन ने भी सिर्फ झगड़े की बात कही है। साथ ही, पूरे मामले को झूठा बताया है। यह बयान एसडीओपी बड़ोनी दतिया उपेन्द्र दीक्षित के कार्यालय में हुए हैं।
यह हुई थी घटना
16 जनवरी को दतिया के कोतवाली थाना के तत्कालीन टीआई रत्नेश सिंह यादव किसी काम से ग्वालियर आए थे। वह बिना बताए थाना छोड़कर आए थे। यहां गुढ़ा इलाके में झूमाझटकी के बाद एक युवक शुभम उर्फ सोहन भार्गव पर मोबाइल लूट का आरोप लगाकर उन्होंने कंपू थाना पुलिस को सूचना दी थी। कंपू थाने की तत्कालीन टीआई अनीता मिश्रा ने तत्काल जवानों को मौके पर पहुंचाया था। पुलिस ने शुभम को पकड़कर मोबाइल बरामद कर लिया था। टीआई रत्नेश यादव उसे लेकर कंपू थाना तक पहुंचे, लेकिन अपने बिना बताए आने के कारण एफआईआर नहीं कराई। रोजनामचा में उसकी डिटेल डालकर वह शुभम को अपने साथ ले गए।
वहां दतिया कोतवाली थाना में आर्म्स एक्ट में उसे आरोपी दिखा दिया। इधर, कंपू थाना पुलिस को लगा कि मामला सुलझ गया है, तो उन्होंने वरिष्ठ अधिकारी से मामले का जिक्र नहीं किया। मामले में युवक के परिजन की शिकायत के बाद मामले का खुलासा हुआ था। ग्वालियर एसपी अमित सांघी ने मामला छिपाने पर तत्कालीन कंपू टीआई अनीता मिश्रा को लाइन अटैच कर दिया था। मामले में दतिया एसपी अमन सिंह राठौर ने टीआई रत्नेश सिंह यादव को सस्पेंड कर दिया था।
परिजन ने खुलकर लगाए आरोप
मामले की जांच एसडीओपी बडोनी दतिया उपेन्द्र दीक्षित के पास है। वही, मामले में जांच कर रहे हैं। एक दिन पहले शुभम के परिजन के बयान हुए हैं। उन्होंने बताया है, झगड़े का मामला था। जिस पर टीआई रत्नेश ने इसे अलग रूप दे दिया। परिजन के बयानों को दर्ज कर लिया गया है। अब मामले में टीआई रत्नेश यादव और ग्वालियर की टीआई अनीता मिश्रा के बयान होने हैं।