जयपुर में जीका वायरस का कहर संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी

Health /Sanitation

Arya TV: Lucknow (Dipti Yadav)

जहां एक तरफ जीका वायरस से पूरी दुनिया में तबाही और भय का मंजर कायम है वही राजस्थान में इस वायरस के कई नए मामले सामने आये है . आपको बता दे की हाल में ही राजस्थान के जयपुर में  कई लोगो को इस वायरस ने अपनी चपेट में लिया है.

जीका वायरस से  सम्बंधित 5 और नये मामले सामने आने के बाद इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 60 हो गयी है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को इस बारे में हुई समीक्षा बैठक के बाद यह नया आंकड़ा जारी किया.

विभागीय अधिकारियों के द्वारा जुटाए गये आंकड़ो  के  अनुसार कुल 60 रोगियों में से 45 मरीज उपचार के बाद पूरी तरीके से स्वस्थ हो गये हैं. डॉक्टरों  ने बताया कि शनिवार तक शास्त्रीनगर के 76 हजार आवासीय मकानों में घर-घर सर्वेक्षण किये जा चुके हैं.

64 हजार घरों में मच्छरों का लार्वा पाया गया है लार्वा पाये जाने पर उसे नष्ट भी किया गया. जयपुर में जितने भी मामले जीका वायरस संक्रमण से सम्बन्धित है वे सभी  शास्त्रीनगर इलाके के हैं जहां फोगिंग व उससे बचने के कई उपाय किए जा रहे हैं.

आपको बता दें कि  जीका वायरस   डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की तरह मच्छरों से फैलता है. यह एक प्रकार का एडीज मच्छर  है, जो दिन में सक्रिय रहते हैं. अगर यह मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काट लेता है, जिसके खून में वायरस मौजूद है, तो यह किसी अन्य व्यक्ति को काटकर वायरस फैला सकता है.

मच्छरों के अलावा असुरक्षित शारीरिक संबंध और संक्रमित खून से भी  जीका बुखार  या वायरस फैलता है. जीका वायरस से संक्रमित कई लोग खुद को बीमार महसूस नहीं करते. लेकिन इसके आम लक्षण डेंगू बुखार की  तरह होते हैं. जैसे थकान, बुखार, लाल आंखे, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द और शरीर पर लाल चकत्ते आदि का होना.

जीका वायरस को फैलाने वाले मच्छर से बचने के लिए वही उपाय हैं जो आप डेंगू से बचने के लिए करते आए हैं. जैसे मच्छरदानी का प्रयोग, पानी को ठहरने नहीं देना, आस-पास की साफ-सफाई, मच्छर वाले एरिया में पूरे कपड़े पहनना, मच्छरों को मारने वाली चीज़ों का इस्तेमाल और खून को जांचे के बिना शरीर में ना चढ़वाना आदि.