पूजा स्पेशल ट्रेनों ने बढ़ाया डे़ढ गुना किराया जानिए क्या है कारण

Gorakhpur Zone

गोरखपुर (www.arya-tv.com)  दशहरा, दीपावली और छठ पर्व बीत गया। होली अभी दो माह बाद है। लेकिन त्योहारों में अतिरिक्त सुविधा देने के नाम पर रेलवे की त्योहारी (अतिरिक्त किराया) की वसूली बंद नहीं हुई है। पूजा स्पेशल के यात्रियों को सामान्य स्पेशल से सवा से डेढ़ गुना तक अधिक किराया देना पड़ रहा है रेलवे का यह किराया उन श्रमिकों के लिए भारी पड़ रहा है जो लाकडाउन में कंपनी बंद होने के बाद घर वापस आ गए थे। अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने पर गोरखपुर से मुंबई, दिल्ली और सिकंदराबाद लौट रहे हैं। जानकारों के अनुसार सामान्य स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेनों में तो सामान्य किराया ही लग रहा है।

लेकिन पूजा स्पेशल ट्रेनों में रेलवे बोर्ड ने अतिरिक्त किराया वसूलने के साथ तत्काल टिकटों की सुविधा भी बंद कर दी है। मुंबई, दिल्ली, सिकंदराबाद, हटिया और हावड़ा ही नहीं कोलकाता जाने वाली सभी ट्रेनें पूजा स्पेशल के नाम पर ही चल रही हैं। इन ट्रेनों में मिलने वाले तत्काल टिकटों का किराया भी मूल किराया में जोड़ दिया है। मिलने वाली रियायतें भी बंद हैं। बुजुर्गों और बच्चों को भी पूरा किराया देना पड़ रहा है। रेलकर्मियों को पास भी एसी टू और थ्री में पूरी सीट नहीं मिल रही है। ऐसे में यात्रियों के ऊपर बोझ बढ़ गया है। इसको लेकर आम जन, रेलकर्मी और कर्मचारी संगठनों में भी रोष है।

दरअसल, स्पेशल के रूप में ट्रेनों का संचालन तो एक जून 2020 से ही शुरू है। लेकिन रेलवे बोर्ड ने यात्रियों की भीड़ बढ़ी तो रेलवे ने दशहरा से पूजा स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया। प्रमुख त्योहारों और लग्न के बीत जाने के बाद दिसबर में इन ट्रेनों की संचालन अवधि भी बढ़ा दी। किराया कम नहीं किया। यात्रियों को आज भी त्योहारों वाला ही किराया देना पड़ रहा है। रेलवे किराए के नाम पर भी यात्रियों में भेद-भाव कर रहा है। गोरखपुर से मुंबई के एक ही स्टेशन पर अलग-अलग ट्रेनों से पहुंचने वाले यात्रियों को अलग-अलग किराया देना पड़ रहा है। कुछ को सहूलियत मिल जा रही तो कुछ की जेब ढीली हो रही।

अगर भूलवश किसी ने इन पूजा स्पेशल ट्रेनों से लखनऊ या वाराणसी का टिकट ले लिया तो दोगुना किराया देना पड़ सकता है। दादर में एसी थर्ड का 1050 रुपये लग रहा। जबकि कृषक से सिर्फ 505 रुपये ही लगता है। यानी, दोगुना से भी अधिक किराया। जनरल के यात्रियों को तो आरक्षित के नाम पर अतिरिक्त किराया देना पड़ रहा है। दरअसल, मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और सिकंदराबाद जाने वाले यात्री टिकट लेते समय यह नहीं समझ पाते कि कौन सी ट्रेन सामान्य स्पेशल है और कौन सी पूजा। उन्हें सिर्फ कंफर्म टिकट से मतलब होता है। लेकिन जब टिकट हाथ में आता है तो किराया देख होश उड़ जाते हैं।