(www.arya-tv.com) देश में इस साल अप्रैल से लेकर दिसंबर तक नई कंपनी खुलने में 20 फीसदी का उछाल आया है। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में (अप्रैल से दिसंबर) के बीच 1.13 लाख नई कंपनियों का पंजीयन हुआ है। वहीं, पिछले वित्त वर्ष की सामन अवधि में 93,758 कंपनियों का पंजीयन हुआ।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना संकट के बाद सरकार की ओर से आत्मनिर्भर योजना में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) को विशेष रियायत, लोकल फॉर वोकल और मैन्युफैक्चिरंग पर जोर से कारोबारी जगत में माहौल सकारात्मक हुआ है।
आने वाले समय में कारोबार की बेहतर संभवना से नई कंपनियां खुलने में तेजी आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से युवाओं को स्वरोजगार पर बल देने का भी असर हुआ है। कोरोना संकट के बाद देश में स्टार्टअप खुलने की रफ्तार तेज हो गई है। स्टार्टअप इंडिया पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, 3 नवंबर तक रिकॉर्ड 39,114 स्टार्टअप की शुरुआत हुई।
नई कंपनी खोलने की रफ्तार जुलाई महीने में पिछले साल साल में सबसे अधिक दर्ज की गई। जुलाई महीने में 16,487 कंपनियों का पंजीयन हुआ जो पिछले सात साल में सबसे अधिक थी। इसके बाद अक्तूबर तक हर महीने 16000 के करीब नई कंपनियों का पंजीयन हुआ।
नवंबर में यह आंकड़ा घटकर 13,453 रह गया। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में सुधार से भी भारत एक बेहतर गंतव्य बन गया है। देश के साथ विदेशी कंपनियां अब यहां पर अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगा रही हैं। इसका भी फायदा मिला है।
