लाहौल स्पीति में पहला इग्लू:क्वारिंग गांव के लोगों ने पर्यटकों के लिए बिना खर्च किए 3 दिन में बनाया

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(www.arya-tv.com) लाहौल स्पीति में पहला इग्लू बना है। इसे नॉर्थ पोर्टल के पास क्वारिंग गांव के लोगों ने मिलकर बनाया है। वो भी जीरो इन्वेस्टमेंट से। अटल टनल के खुल जाने के बाद से जो लाहौल देश-दुनिया से 8 महीने कट जाते है अब वहां भारी संख्या में पर्यटक पहुंचने लगे तो पर्यटन की संभावना भी बढ़ गई। ऐसे में क्वारिंग के विकासशील युवक मंडल के सदस्यों ने इस मौके को भुनाने के लिए इग्लू बनाने की बात सोची।

अनोखा स्टार्टअप है

सोशल वर्कर और पूर्व जिला उपाध्यक्ष रिगज़िन समफेल ने कहा कि ये अपनी तरह का एक अनोखा स्टार्टअप है जो लाहौल स्पीति के लोगों की आर्थिक स्थिति को बदलने की क्षमता रखता है। आजकल घाटी में तापमान माइनस 20 से 30 तक चला जाता है, वहीं लोगों के बनाए इग्लू में तापमान माइनस 6 से 7 डिग्री तक रहता है। इस तापमान में व्यक्ति आसानी से रह सकता है। वो बताते हैं कि लाहौल का कोई भी व्यक्ति इग्लू बना सकता है। 3-4 दिन की मेहनत है, सिर्फ बेडिंग का खर्च रहेगा, बाकी कोई खर्च नहीं।

ये विंटर टूरिज्म है। इसे अभी डोंगखंग गेस्ट हाउस के सामने बनाया गया है, ताकि कुछ दिक्कत होने की स्थिति में पर्यटक को अंदर ले जाया जा सके।ये गांव केलांग और जिस्पा गांव के बीच में पड़ता है। जिस्पा पर्यटन के लिए काफी फेमस है। अटल टनल के नॉर्थ पोर्टल से क्वारिंग 30 किलोमीटर दूर है। इस इग्लू में रहने के लिए दो लोगों के लिए एक दिन का किराया 5000 रुपए है। इसमें भोजन भी मिलेगा और एक्टीविटीज भी कराई जाएंगी।

मनाली से आया आइडिया, लेकिन लाहौल की बर्फ वहां से अलग

गांव के तानजिन नोरबू ने बताया कि लोगों ने ये सोचा कि अटल टनल बनने के बाद कुछ करना चाहिए तो इग्लू का आइडिया आया। मनाली में भी इग्लू है, उसी की तर्ज पर। पर दिक्कत ये थी कि मनाली की बर्फ और यहां की बर्फ में फर्क है। यहां पाउडर वाली बर्फ है। पहले दिन इसे बनाने में बहुत मुश्किल आई। ब्लॉक ही नहीं बन रहे थे। फिर दूसरे और तीसरे दिन इसे बनाना आसान लगने लगा।