(www.arya-tv.com) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आए दिन हो रही आपराधिक घटनाओं को लेकर डीजीपी ने सख्त रुख अपनाया है। बुधवार देर शाम को शहर के विभूति खंड में पूर्व ब्लॉक अजीत सिंह लंगड़ा की हत्याकांड के मामले को लेकर उन्होंने आला अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें पुलिस कमिश्नर के साथ, ज्वाइंट सीपी क्राइम निलाब्जा चौधरी, ज्वाइंट सीपी लॉ एंड आर्डर नवीन अरोड़ा भी तलब किए गए हैं।
डीजीपी एचसी अवस्थी व एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने लखनऊ में पुलिसिंग की समीक्षा की है। बीते दिनों हुई वारदातों लगातार हो रही घटनाओं पर डीजीपी ने जताई नाराजगी हैं।गैंगस्टर अजीत सिंह हत्याकांड के आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
इन घटनाओं की जबाव तलब किया गया
ठाकुर गंज में प्रॉपर्टी डीलर की हत्या, विभूति खंड में रिटायर्ड अधिकारी के घर डकैती, विकास नगर में बद्री सर्राफ के मालिक पर फायरिंग की घटनाओं पर डीजीपी ने कार्रवाई पर जवाब तलब किया हैं। लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों व अफसरों को हटाने के दिए निर्देश हैं।
क्राइम इंटेलिजेंस मजबूत करें, पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए। थाने स्तर पर बनी क्राइम टीम और क्राइम ब्रांच की निष्क्रियता पर डीजीपी नाराज दिखे। 2 घंटे चली डीजीपी की बैठक में अफसर चिंतित दिखे। डीजीपी ने राजधानी में हो रही घटनाओं पर सख्ती से निपटने का दिया अल्टीमेटम हैं।
ये दिए गए दिशा-निर्देश
पुलिस महानिदेशक द्वारा पिछले दिनों में कमिश्नरेट लखनऊ में घटित आपराधिक घटनाओं सहित बीती रात्रि थाना विभूति खंड क्षेत्र में हुई गोलीबारी की घटना जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी को लेकर अप्रसन्नता व्यक्त की गयी साथ ही पुलिस कमिश्नर लखनऊ एवं कमिश्नरेट के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि हत्या की घटना सहित पूर्व में घटित अन्य आपराधिक घटनाओं का अतिशीघ्र सफल अनावरण सुनिश्चित करें।
साथ ही यह भी निर्देशित किया कि उक्त घटनाओं में जिस स्तर पर भी पुलिस कर्मियों द्वारा अपने विधिक कर्तव्यों के निर्वहन में शिथिलता एवं लापरवाही बरती गई हो ,उनकी जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा निर्देशित किया गया कि लखनऊ कमिश्नरेट के थाना क्षेत्रों में लगातार पेट्रोलिंग, हूटर व सायरन का प्रयोग व क्रिमिनल इंटेलिजेंस ( अपराधियों के संबंध में आसूचना संग्रह ) सुनिश्चित किया जाये ताकि इस तरह की आपराधिक घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने पाये।