(www.arya-tv.com)अयोध्या जिले में बुधवार को पुलिस ने फर्जी कागजात तैयार कर बेरोजगारों को नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाले अंतरप्रांतीय गैंग के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस गैंग ने एक वकील से 18 लाख रुपए ठगे थे। इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से तमाम फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए हैं।
दो थानों की पुलिस ने पकड़ा
पुलिस अधीक्षक ग्रामीण एसके सिंह ने बताया कि थाना हैदरगंज व बीकापुर कोतवाली की टीम ने इन शातिर ठगों को हैदरगंज इलाके के धोबना चौराहे के पास से गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान मनोज पाठक, अनिल कुमार यादव, जय प्रकाश दूबे, श्रवण कुमार तिवारी व संतोष कुमार गौतम के रुप में हुई है। उन्होंने बताया कि यह गैंग पूरे प्रदेश में फैला है, जो बेरोजगार लोगों को विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलवाने का लालच देकर लाखों की रकम ठग लेता है।
वकील ने दर्ज कराया था केस
इस गिरोह ने हैदरगंज इलाके के वकील विश्वनाथ निषाद को 18 लाख रुपए का चूना लगाया था। उन्होंने अपने बेटे, बेटी व भतीजे की नौकरी लगवाने के नाम पर रुपए दिए थे। बाद में जांच में नियुक्ति पत्र फर्जी निकला। लेकिन तब तक गिरोह फरार हो चुका था। इसी प्रकरण के बाद गिरोह की तलाश शुरू की गई। लेकिन अभी भी गैंग का मास्टर माइंड फरार है। गिरोह के अन्य सदस्यों की भी तलाश की जा रही है। गिरफ्तार पांचों आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। इनके खिलाफ धोखाधडी जालसाजी व ठगी आदि की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
रांची में प्रशिक्षण भी कराते थे शातिर
पुलिस के मुताबिक फर्जी नियुक्ति के मामले में काम करने वाला यह गैंग बड़ी चालाकी से बेरोजगारों को फंसाता था। यह गैंग एफसीआई, इनकम टैक्स, रेलवे, पुलिस सहित लगभग सभी सरकारी विभागों की नौकरी का फर्जी नियुक्ति पत्र काल लेटर, नियुक्ति पत्र आदि बिलकुल असली की तरह स्कैन करके तैयार करता था। जिससे लोगों को शक न हो। इसके बाद कुछ दिनों तक उन्हें और फंसाए रखने के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र के बेरोजगार लोगों की रांची अथवा बाहर के प्रांतों में प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम भी ये लोग चलवाते थे।