प्राकृतिक आपदा के कारण भारतीयों ने छोड़ा घर, पढ़े क्या है पूरी खबर

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(www.arya-tv.com) दुनियाभर में पर्यावरण की बढ़ती परेशानियां और जलवायु संकट गहन चिंता के विषय हैं। जलवायु संकट ने मौसम के लिहाज से कई प्रतिकूल परिस्थितियां पैदा की हैं। इसने आमजन को सबसे अधिक हानि पहुंचाई है। हाल ही में जारी हुई ‘कॉस्ट ऑफ क्लाइमेट इनएक्शन:डिस्प्लेसमेंट एंड डिस्ट्रेस माइग्रेशन’ रिपोर्ट में कहा गया है कि मौसम से जुड़ी आपदाओं की वजह से 2050 तक 4.5 करोड़ भारतीय अपनी जगहों से विस्थापित हो जाएंगे। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 तक 1.4 करोड़ लोग विस्थापित हो चुके हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, सूखा, समुद्री जलस्तर के बढ़ने, जल संकट, कृषि और इको-सिस्टम को हो रहे नुकसान के चलते लोग विस्थापन को मजबूर हैं। कॉस्ट ऑफ क्लाइमेट इनएक्शन:डिस्प्लेसमेंट एंड डिस्ट्रेस माइग्रेशन रिपोर्ट में बांग्लादेश, भारत, नेपाल, श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देशों को शामिल किया गया है।

बांग्लादेश में घाटों से नदी का कटाव, भारत और पाकिस्तान में बाढ़, नेपाल में पिघलते ग्लेशियर, भारत और बांग्लादेश में उफनते समुद्र, श्रीलंका में चावल और चाय के बागान वाले इलाकों में सामान्य से अधिक वर्षा और साइक्लोन इसके लिए जिम्मेदार हैं। प्राकृतिक आपदाओं की विभीषिका की वजह से घर, संपत्ति, बिजनेस, समुदाय आदि तबाह होते जा रहे हैं। दक्षिण एशियाई मौसम की अत्यधिक प्रतिकूल परिस्थितियों की वजह से हर साल जान-माल का नुकसान होता है।