अरविंद केजरीवाल सिंघु बॉर्डर पहुंचे; कहा- नए कानूनों से बड़ी कंपनियों को फायदा

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(www.arya-tv.com)नए कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान 32 दिन से दिल्ली बॉर्डर पर जमे हुए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार शाम को सिंघु बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में शामिल हुए। यह दूसरा मौका रहा जब वे यहां आए थे। उनके साथ डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी रहे। किसानों से मिलकर केजरीवाल ने कहा कि मैं केंद्र सरकार को किसानों के साथ ओपन डिबेट करने चुनौती देता हूं। इससे साफ हो जाएगा कि ये कानून कैसे नुकसान पहुंचाएंगे।

केजरीवाल ने दावा किया कि इन कानूनों के जरिए देश में कॉर्पोरेट सेक्टर खेती संभालेगा। उन्होंने कहा कि इन कानूनों से किसे फायदा होगा। इनसे किसानों को नहीं बल्कि सिर्फ बड़ी कंपनियों और अमीरों को फायदा होगा। वे तीन नए कानून लेकर आए हैं। इन कानूनों के जरिए अब ये किसानों की खेती छीनना चाहते हैं। उनकी खेती भी उठाकर अपने 2-3 बड़े-बड़े पूंजीपति दोस्तों को देना चाहते हैं। अगर किसान की खेती भी चली गई तो किसान कहां जाएगा। इस समय पूरा देश बंटा हुआ है। एक पक्ष किसानों को नुकसान पहुंचाकर अमीरों को फायदा पहुंचाना चाहता है और दूसरा अमीरों की परवाह किए बिना किसानों के साथ खड़ा है।

पंजाब के वकील ने जहर खाया, अब तक तीसरी आत्महत्या

इस बीच पंजाब के एक वकील ने रविवार को दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन वाली जगह से कुछ दूर जहर खाकर खुदकुशी कर ली। किसान आंदोलन के दौरान यह खुदकुशी का तीसरा मामला है।

इससे पहले 16 दिसंबर को करनाल जिले के सिंघड़ा निवासी 65 साल के संत बाबा राम सिंह ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली। वहीं, 20 दिसंबर को बठिंडा के रामपुरा फूल में गुरलाभ सिंह ने जहर खा लिया था। उनके घरवालों ने बताया था कि टीकरी बॉर्डर पर धरने से लौटने के बाद 2 दिन से परेशान था। उसके आखिरी बोल थे-पता नहीं क्या होगा करोड़ों किसानों का।

जान दे रहा हूं, ताकि सरकार लोगों की आवाज सुने’

पुलिस के मुताबिक, वकील अमरजीत सिंह पंजाब के फाजिल्का जिले के जलालाबाद के रहने वाले थे। वह खेती भी करते थे। सुसाइड नोट में अमरजीत ने लिखा है कि वह केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ और किसानों के आंदोलन के समर्थन में अपनी जान दे रहा है, ताकि सरकार लोगों की आवाज सुनने के लिए मजबूर हो। उसने लिखा कि इन काले कानूनों के कारण किसान ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

पुलिस का दावा है सुसाइड नोट पर 18 दिसंबर की तारीख लिखी है। हरियाणा के झज्जर जिले के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमने मृतक के घरवालों को खबर दे दी है। उनके आने के बाद बयान दर्ज किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री के नाम लिखा सुसाइड नोट

सुसाइड से पहले अमरजीत सिंह ने प्रधानमंत्री के नाम एक लेटर छोड़ा है। इसका कुछ हिस्सा टाइप किया और कुछ हिस्सा पेन से लिखा गया है। फिलहाल पुलिस पहले से टाइप करके लाए गए इस पत्र की जांच कर रही है। खत में लिखा है कि प्रधानमंत्री कुछ लोगों के ही बनकर रह गए। तीनों कृषि बिल किसान, मजदूर और आम आदमी का जीवन तबाह कर देंगे। किसानों, मजदूर और आम आदमी की रोजी-रोटी मत छीनो। अब तक इस आंदोलन में 30 से ज्यादा किसानों की मौत आत्महत्या और ठंड की वजह से हो चुकी है।

किसानों की समर्थन में 10 कैदी भूख हड़ताल पर

तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में दमदम सेंट्रल जेल में बंद 10 कैदियों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। ये सभी राजनीतिक बंदी हैं। जेल से जारी बयान के मुताबिक, कैदियों ने कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए कहा है कि भाजपा सरकार ने कोरोना के बाद बने हालात का फायदा उठाते हुए सरकार ने ये कानून बना दिए। ये कानून कॉर्पोरेट्स को फायदा पहुंचाने वाले हैं। स्टेट करेक्शनल डिपार्टमेंट के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि मुर्शिदाबाद जिले की बेरहामपुर सेंट्रल जेल में आठ कैदी भी इसी मुद्दे पर सोमवार से उपवास रखेंगे।