(www.arya-tv.com) राममंदिर की नींव खोदाई में तकनीकी अड़चने समस्या का सबब बन रही हैं। जमीन के नीचे भुरभुरी बालू ने विशेषज्ञों के समक्ष चुनौती खड़ी कर दी है। मंदिर निर्माण में जुटे इंजीनीयर इस तकनीकी चुनौती से निपटने के लिए जुटे हुए हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बालू की परत के चलते पाइलिंग टेस्टिंग के दौरान बनाए गए पिलर 2 से 3 इंच खिसक गए थे। जिसके बाद राममंदिर के नींव के नक्शे को लेकर मंथन जारी है।
सरयू नदी के किनारे होने के कारण बुनियाद में मिल रही बालू के कारण मंदिर की मजबूती को लेकर सवाल पैदा हो रहे हैं। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए 1200 स्तंभों का निर्माण किया जाना है।
इसके पहले टेस्टिंग के लिए 12 पिलर का निर्माण किया गया है, लेकिन टेस्टिंग के दौरान जब इस पर भार डाला गया तो कुछ पिलर जमीन के निचले हिस्से में खिसक गए।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को दिल्ली में हुई बैठक में यह तय हुआ है कि अब नए सिरे से राममंदिर के नींव की डिजाइन तैयार की जाएगी। इसके लिए आठ सदस्यीय कमेटी भी गठित की गयी है।
बताया गया कि एक हफ्ते पहले अयोध्या में हुई मंदिर निर्माण समिति की बैठक में मंदिर स्थल के 200 फीट नीचे मिली बालू की लेयर को लेकर मुद्दा उठा था। राम मंदिर की नींव की सतह पीली मिट्टी की न होकर रेत मिली है।