फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गैंग के आरोपित इंटरनेट कैफे मालिक की तलाश में दबिशैं  

Kanpur Zone UP
  • बांग्लादेशी घुसपैठिये और रोहिंग्या होने का शक,खुफिया अलर्ट

कानपुर।(www.arya-tv.com) शहर के चकेरी थाना क्षेत्र के जाजमऊ कैलाश विहार में चल रहे फर्जी जन सुविधा केंद्र से असम के तमाम लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से आधार कार्ड बनवाए हैं। ये आधार कार्ड पिछले साल असम में एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस) लागू होने के बाद बने हैं। बुधवार रात को सेंटर से पकड़े गए आरोपी और फरार मुख्य आरोपी के ई.मेल से इससे संबंधित दस्तावेज पुलिस के हाथ लगे हैं।

आशंका है कि आधार कार्ड बनवाने वाले असम के ये लोग बांग्लादेशी घुसपैठिये और रोहिंग्या हैं। एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि पकड़े गए आरोपी शैलेंद्र साहू से पूछताछ और मोबाइल व लैपटॉप को खंगालने पर अहम जानकारियां हाथ लगी हैं।

तमाम दस्तावेज असम के मिले हैं। एसपी का कहना है कि जब असम में एनआरसी लागू हुआ तो वहां रहने वाले बांग्लादेशियोंए रोहिंग्याओं व अन्य देशों के लोगों को जेल जाने का खतरा सताने लगा। एसपी पूर्वी राज कुमार अग्रवाल ने बताया कि जांच में ऐसा कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिला है, जिससे साबित किया जा सके कि यहां से रोहिंग्या के लिए फर्जी आधार कार्ड बनाए गए। चूंकि यह इंटरनेट कैफे जाजमऊ की अवैध बस्ती से सटा है, ऐसे में इस आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता।

इंस्पेक्टर चकेरी रवि श्रीवास्तव ने बताया कि जो दस्तावेज बरामद हुए हैं, उसमें कुछ नाम पश्चिम बंगाल और बिहार के हैं। ऐसे में शक तो हो रहा है। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच में साइबर एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है। इसके बाद ही सामने आ सकेगा कि कितने व किसे फर्जी आधार कार्ड या अन्य आवश्यक दस्तावेज जारी हुए। वहीं खुफिया टीम भी सतर्क हो गई और जानकारी जुटा रही है।

फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गैंग के दिव्यांग आरोपित इंटरनेट कैफे मालिक सुनील पाल का पता नहीं चला है। थाना प्रभारी रवि श्रीवास्तव ने बताया कि सुनील पाल की तलाश में दबिश दी जा रही है।
चकेरी पुलिस और खुफिया महकमा को जानकारी तक नहीं

चकेरी के अलावा शहर के कई अन्य स्थानों में भी फर्जी आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बनाने के ठिकाने हो सकते हैं। खास बात यह है कि चकेरी में सफलता एक आम आदमी की शिकायत पर पुलिस को हासिल हुई। चकेरी पुलिस और खुफिया महकमा को इसकी जानकारी तक नहीं थी।